कैलिफोर्निया। खालिस्तान समर्थकों का दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर विदेश में वे भारत के खिलाफ गतिविधियों को बढ़ाते जा रहे हैं। ब्रिटेन, कनाडा में वे भारतीय दूतावास को निशाना बना चुके हैं। हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की और आग लगा दी थी। अब वे 8 जुलाई को मरीना बर्कले से सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास तक खालिस्तान फ्रीडम रैली निकालेंगे। इस संबंध में खालिस्तान समर्थकों का पोस्टर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने हरदीप सिंह निज्जर को शहीद बताया है। साथ ही लिखा है कि 8 जुलाई को साढ़े ग्यारह बजे वे यूएस के मरीना बर्कले से फ्रीडम रैली निकालेंगे। पोस्टर में एसएफजे भी लिखा हुआ है।
ये रैली सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास तक जाएगी। इस पोस्टर में हिंसक गतिविधि दिखाई गई है। इसमें लिखा है कि किल इंडिया। साथ ही अमेरिका में भारत के राजदूत सरदार तरनजीत सिंह संधू और सैन फ्रांसिस्को में भारत के काउंसलर जनरल डॉ टीवी नागेंद्र प्रसाद की फोटो लगाई है। दोनों राजनयिकों के लिए किलर शब्द का प्रयोग किया है। बता दें कि गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने स्पष्ट कहा है कि भारतीय राजनयिकों और परिसरों की सुरक्षा स्थानीय सरकार की जिम्मेदारी है और इसके लिए हम हमेशा दबाव बनाते रहेंगे।
ऐसी भाषा अस्वीकार्य, ऐसे कार्य सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते
वहीं, द खालसा टुडे के एडिटर इन चीफ और सीईओ सुक्खी चहल ने इसकी निंदा की है। उन्होंने इसे सिखी के सिद्धांतों के विपरीत बताया। सुक्खी चहल ने कहा कि ऐसी भाषा अस्वीकार्य है और सम्मान और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिखी सिद्धांतों के खिलाफ है सिख संघर्ष में श्री संधू के परिवार का गौरवशाली इतिहास है। इस तरह के कार्य शांतिप्रिय सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिंसा ठीक नहीं है।
भारत की सख्त टिप्पणी, अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिंसा जायज नहीं
भारत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा कनाडा, अमेरिका व अन्य देशों में हिंसा और अलगाववाद को जायज ठहराने की कड़े शब्दों में निंदा की है। भारत ने कहा है कि भारतीय राजनयिकों और परिसरों की सुरक्षा स्थानीय सरकार की जिम्मेदारी है और इसके लिए हम हमेशा दबाव बनाते रहेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कनाडा में भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा का समर्थन करने वाले पोस्टर से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए उक्त बातें कहीं। साथ ही उनसे कनाडा के प्रधानमंत्री के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वाले बयान पर भी सवाल पूछा गया था। प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय राजनयिकों और राजनीतिक परिसरों के खिलाफ लगे पोस्टरों की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हमने इस संबंध में कनाडा सरकार से मजबूती के साथ यह विषय उठाया है। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी आड़ में हिंसा अलगाववाद और आतंकवाद को बैठाने की कोशिश की जा रही है। हम इस संबंध में संबंधित सरकारों पर दबाव बनाते रहेंगे कि वह ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें और भारतीय राजनयिकों और परिसरों को सुरक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी इस तरह के इंसा का समर्थन करने वाले पोस्टरों को देखा है। इन तरह के विषयों पर वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
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