इंफाल। मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं के बीच प्रशासन ने पूरे इलाके में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध पांच दिन बढ़ा दिया है। सरकार ने राज्य में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया।
मणिपुर में हिंसा की घटनाओं के बाद 3 मई की शाम को इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था। पहले दिन केवल मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन 4 मई को प्रतिबंध को सभी प्रकार के इंटरनेट पर बढ़ा दिया गया। इसी बीच सरकार ने शुक्रवार को फिर एक बार इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध 5 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। यह आदेश कांगपोकपी जिले में सुरक्षाबलों और संदिग्ध दंगाइयों के बीच गोलीबारी के एक दिन बाद आया है। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी। मणिपुर सरकार ने कहा कि राज्य में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने वाले आदेश में कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण, नफरत भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसको देखते हुए इंटरनेट सेवाएं पर अगले 5 जुलाई तक रोक लगा दी गयी है। आदेश में कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मणिपुर में ताजा गोलीबारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हुई
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में एक दिन पहले संदिग्ध दंगाइयों की गोलीबारी में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर तीन हो गई। सुरक्षा सूत्रों बताया कि गोलीबारी में पांच लोगों के घायल होने की खबर है। हथियारबंद दंगाइयों ने गुरुवार को हरावथेल गांव में एकतरफा गोलीबारी की थी। सेना ने कहा कि सुरक्षा बलों के जवानों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मामूली कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और आरएएफ की तैनाती की गई। रात 10 बजे तक भीड़ तितर-बितर हो गई। उन्होंने बताया कि दंगाइयों ने शव को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास तक जुलूस निकाला। अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी। पुलिस की आवाजाही रोकने के लिए बीच सड़क पर टायर जलाते हुए भी देखा गया। सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री के आवास की ओर मार्च करने से रोके जाने पर वे हिंसक हो गए, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया। उन्हें लाठीचार्ज भी करना पड़ा। हराओथेल गांव से रुक-रुक कर गोलीबारी की आवाज आने के कारण स्टेडियम और मुनलाई गांव में असम राइफल्स की टुकड़ियां तैनात कर दी गई। बीते कल शाम मणिपुर में शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए गुरुवार को चुराचांदपुर में एक कैंडल लाइट मार्च भी निकाला गया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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