देहरादून : राज्य में बाहरी लोग घुसपैठ कर यहां आबादी के असंतुलन की समस्या पैदा कर रहे हैं, ये मामला पाञ्चजन्य ने प्रमुखता से उठाया था, इस खबर के संज्ञान में आने के बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ने पुलिस विभाग से बाहरी लोगों के सत्यापन का अभियान चलाया, पिछले दो महीनों में उत्तराखंड पुलिस को इस अभियान में इस सच्चाई का पता चल गया है कि यहां बड़ी संख्या में लोग आकर जहां तहां बस रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 19 अप्रैल को पुलिस महानिदेशक को बाहरी लोगों के सत्यापन कराने के अभियान को शुरू करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद से अब तक 4914 लोगों को हिरासत में लेकर रिहा किया गया, इनमें ज्यादातर फेरी वाले, कारपेंटर, श्रमिक, किरायेदार आदि हैं जोकि बिना किसी वेरिफिकेशन के यहां रह रहे थे, इनसे 95 लाख रुपए जुर्माना भी वसूला गया है, इनमें से उधम सिंह नगर में 2814, हरिद्वार में 622, देहरादून में 1376 को हिरासत में लिया गया जिनके खिलाफ धारा 81और151 के तहत चालान किया गया।
वहीं अपर पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने बताया कि सत्यापन अभियान में 1.81लोगों की जांच की गई जिनमें 65174 श्रमिक, 36654 फेरी वाले, 57186 किरायेदार हैं। इसके अलावा 22953 संदिग्ध लोगों को भी चिन्हित किया गया है, इन सभी के आधार कार्ड चेक किए गए हैं और इन्हें एक प्रपत्र दिया गया है, इन सभी को अपने मूलनिवास के संबंधित थाने से वेरिफिकेशन करवाना होगा और ऑनलाइन प्रक्रिया का पालन करते हुए उत्तराखंड पुलिस के पास जमा कराना होगा।
एडीजी ने बताया कि हर थाने में एक रजिस्टर रखा गया है और फिर ऑनलाइन डेटा को उसमें अपलोड किया जा रहा है। उन्होंने कहा सत्यापन अभियान लगातार जारी है इस विषय पर मकान मालिकों को भी हिदायत दी गई है कि वो बिना सत्यापन के अपने नजदीकी थाने चौकी को सूचित किए बिना कोई किरायेदार नहीं रखें।
एडीजी ने बताया कि अभी अन्य जिलों से रिपोर्ट आनी बाकि है और हमारी कोशिश है कि संदिग्ध लोगों को यहां से बाहर भेजा जाए।
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