नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास की मरम्मत में हुए खर्च का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) स्पेशल ऑडिट करेगा। उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने कैग से स्पेशल ऑडिट कराने को मंजूरी दी है। एलजी सचिवालय ने 24 मई, 2023 को मुख्यमंत्री के घर की मरम्मत में हुए खर्च को लेकर गंभीर वित्तीय अनियमितता और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था।
इससे पहले 27 अप्रैल को मीडिया रिपोर्टस के आधार पर एलजी ने चीफ सेक्रेटरी को मामले में जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। वहीं एक रिपोर्ट दिल्ली के उपराज्यपाल को सौंपी गई है, जिसमें बताया गया कि 45 करोड़ नहीं, 52 करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए हैं। बताया जा रहा है कि लोक निर्माण विभाग के रिकॉर्ड के हवाले से सतर्कता अधिकारियों ने रिपोर्ट में कहा है कि घर के रेनोवेशन पर 33.49 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री के लिए एक कैंप कार्यालय पर 19.22 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
कर्नाटक के ठग से जुड़े तार
200 करोड़ की ठगी के मामले में जेल काट रहे महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने भी एक खुलासा किया था। सुकेश ने दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को लिखे पत्र में दावा किया कि केजरीवाल के बंगले के लिए उसने बड़ी संख्या में महंगी वस्तुओं के लिए भुगतान किया था। सुकेश ने चिट्ठी लिखकर मांग की है कि केजरीवाल के शीश महल में रखे सामान और घर की सजावट की खरीद की जांच की जाए। उसका दावा यह भी है कि केजरीवाल के घर के लिए आए चांदी की क्रॉकरी सेट के लिए दक्षिण भारतीय कारोबारी को 90 लाख रुपए का भुगतान उसी ने किया है।
कांग्रेस का खुलासा
केजरीवाल के नए बंगले के मामले पर कांग्रेस ने नया खुलासा किया था कि उस बंगले पर 45 करोड़ नहीं बल्कि 171 करोड़ रुपए का खर्च आया है। यह पैसा भी उस वक्त खर्च किया गया, जब दिल्ली कोविड से जुझ रही थी। कांग्रेस ने इस बात का भी खुलासा किया कि कैसे 45 करोड़ का बजट 171 करोड़ तक पहुंचा।
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