आजमगढ़। उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के रहने वाले आबिद अंसारी ने घर वापसी कर ली है। उन्होंने पत्नी के साथ वैदिक रीति-रिवाज से सनातन धर्म को अपना लिया है। जनेऊ धारण कर वो आर्यन राजभर बन गए और उनकी पत्नी शबनम से खुशबू बन गई हैं। आर्यन का कहना है कि वह सनातन धर्म से बेहद प्रभावित थे इसलिए उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया लिया। 14 साल में उन्होंने अयोध्या, मथुरा, बाके बिहारी मंदिर समेत भारत के कई मंदिरों का भ्रमण किया। भगवान के प्रति उसकी आस्था बहुत सालों पहले ही जागृत हो गई थी। पिछले पांच साल से वो जन्माष्टमी भी मनाते आ रहे हैं।
आजमगढ़ जनपद के जहानागंज थाना क्षेत्र के सुंभी ग्राम निवासी इलियास अंसारी के तीन बेटे हैं। सबसे छोटा पुत्र आबिद अंसारी है। तीनों का परिवार अलग-अलग रहता है। आबिद स्कूल में वाहन चालक का कार्य करते हैं। स्कूल प्रबंधक के साथ अक्सर वो भारत के कई धार्मिक स्थलों की यात्रा करते रहे हैं।
आर्यन (आबिद) ने बताया कि उन्हें सनातन धर्म बहुत अच्छा लगता है। भगवान के प्रति उनकी अटूट आस्था है। एक दिन उन्होंने अपने स्कूल प्रबंधक को इस्लाम मज़हब त्याग कर सनातन धर्म ग्रहण करने की इच्छा जताई। स्कूल प्रबंधक उनकी बात सुनकर हैरान रह गए। उसके बाद आबिद के सनातम धर्म अपनाने के फैसले को उनकी पत्नी खुशबू (शबनम) ने भी स्वीकार कर लिया।
उसके बाद दोनों ने लोगों की मौजूदगी में अपने घर में ही देवी-देवताओं की प्रतिमा रखकर वैदिक रीति-रिवाज से सनातन धर्म ग्रहण कर लिया। गंगाजल आचमन कर जनेऊ धारण किया। हवन-पूजन कर आबिद अंसारी से आर्यन राजभर बन गए। आर्यन ने बच्चों का नाम भी बदलकर सनातन धर्म के अनुसार कर दिया। आर्यन ने कहा कि मैंने खुद से सनातन धर्म अपनाया है। कुछ लोगों ने विरोध किया था, लेकिन मुझे अपने फैसले पर गर्व है।
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