दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर फर्जी कॉल सेंटर चलाकर अमेरिकी नागरिकों से दो करोड़ अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की ठगी करने के मामले में खुलासा किया है। पुलिस को संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) और इंटरपोल के सहयोग से ये बड़ी कामयाबी मिली है। अधिकारियों ने बताया कि मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, मामले में जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें 28 वर्षीय पार्थ अरमरकर, 29 वर्षीय वत्सल मेहता, 45 वर्षीय दीपक अरोड़ा और प्रशांत कुमार शामिल हैं। इन चारों पर फर्जी कॉल सेंटर चलाकर अमेरिकी नागरिकों से 2 करोड़ डॉलर की ठगी का आरोप है। इन्हें देश के अलग-अलग प्रदेशों से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी युगांडा और भारत के दिल्ली समेत कई राज्यों में कॉल सेंटर चलाता था। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला वत्सल मेहता ठगी के इस गिरोह का सरगना है, जो युगांडा स्थित कॉल सेंटर से जुड़े कामकाज की देखरेख करता था।
विशेष पुलिस आयुक्त एचएस धालीवाल के अनुसार, उनकी टीम को संघीय जांच एजेंसी और इंटरपोल के जरिए इन लोगों की सूचना प्राप्त थी। सूचना के मुताबिक भारत, अमेरिका और युगांडा में कुछ अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधी अमेरिकी आंतरिक राजस्व सेवा, सामाजिक सुरक्षा प्रशासन, औषधि प्रवर्तन प्रशासन और कई अन्य अमेरिकी एजेंसियों में काम करने वालों की तरह खुद को प्रस्तुत करते थे, और कॉल सेंटर चलाते थे।
पुलिस के अनुसार आरोपियों को पांच दिन की पुलिस हिरासत में लिया गया है, और मामले में आगे की जांच जारी है।
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