China: फिलिस्तीन के लिए लाल कालीन क्यों बिछा रहे जिनपिंग?
May 25, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

China: फिलिस्तीन के लिए लाल कालीन क्यों बिछा रहे जिनपिंग?

आखिर शी ने बीजिंग के ऐतिहासिक ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में फिलिस्तीनी नेता का भव्य स्वागत किया तो क्यों? याद रहे, कम्युनिस्ट और विस्तारवादी चीन किसी भी देश के साथ संबंध बनाता है तो उसमें सिर्फ अपना दीर्घकालिक स्वार्थ देखता है

by WEB DESK
Jun 15, 2023, 12:00 pm IST
in विश्व
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और फिलिस्तीन के राष्‍ट्रपति महमूद अब्‍बास

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और फिलिस्तीन के राष्‍ट्रपति महमूद अब्‍बास

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

फिलिस्‍तीन के जिहादी सरगनाओं पर पिछले दिनों इस्राएल ने जबरदस्त प्रहार करके उन्हें खत्म कर दिया था। उनके ठिकानों पर ढूंढकर उन्हें मार गिराया था। उसके बाद फिलिस्तीन ने इस्राएल को ‘सबक सिखाने’ की धमकियां दी थीं। मारे गए जिहादी कमांडरों के जनाजों के जलूस निकालकर इस्राएल विरोधी भावनाएं भड़काई गई थीं। फिलिस्तीन को दुनिया के कुछ ही देश मान्यता देते हैं, उसस कूटनीति संबंध रखते हैं। उनमें से एक चीन ने कल वहां के राष्‍ट्रपति महमूद अब्‍बास का बीजिंग में लाल कालीन बिछाकर स्‍वागत किया। आखिर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ऐसा करके दुनिया को क्या संकेत देना चाहते हैं?

चीन के राष्‍ट्रपति ने फिलिस्‍तीन के राष्ट्रपति अब्‍बास की आवभगत के बाद लंबी वार्ता की है। चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, शी ने अब्‍बास से फिलिस्‍तीन की तरक्की और खुशहाली में अपना सहयोग देने की पेशकश की है। बदले में अब्‍बास ने जिनपिंग को अपने यहां आने का निमंत्रण दिया है।

फिलिस्‍तीन के राष्‍ट्रपति का चीन दौरा तीन दिन का है यानी वे कल अपने देश लौटेंगे। पर आखिर शी ने बीजिंग के ऐतिहासिक ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में फिलिस्तीनी नेता का भव्य स्वागत किया तो क्यों? याद रहे, कम्युनिस्ट और विस्तारवादी चीन किसी भी देश के साथ संबंध बनाता है तो उसमें सिर्फ अपना दीर्घकालिक स्वार्थ देखता है।

Representational Image

‘शांतिदूत’ का बाना ओढ़कर जिनपिंग सिंक्यांग में उइगरों और दूसरे अल्पसंख्यक समूहों पर अपने दमन को शायद ढांप लेना चाहते हैं। लेकिन ऐसा शायद होगा नहीं, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सहित दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों के पास उइगरों पर चीनी कम्युनिस्ट सत्ता के दमन के दस्तावेजी सबूत हैं।

चीन की यात्रा करने वाले अरब देश के पहले नेता बने हैं अब्बास। ध्यान दें कि पिछले साल सऊदी अरब में चीन ने ईरान से अरब के सात साल पहले टूट चुके कूटनीतिक संबंध को फिर से पटरी पर लाने में विशेष भूमिका ही नहीं निभाई थी बल्कि अरब देशों के शिखर सम्मेलन में भी वह शामिल हुआ था। उससे पहले जिनपिंग रूस गए थे और वहां एक 12 सूत्रीय ‘शांति फार्मूला’ सूझाकर दुनिया में खुद को ‘शांतिदूत’ जैसा बताने की नाकाम कोशिश की थी। अब शायद जिनपिंग ने फिलिस्तीन को यह भरोसा दिलाया है कि वह इस्राएल को समझाकर शांति और विकास की राह खोजने में मदद करेगा। जिनपिंग की यह कवायद अब अब्‍बास को अपने ‘मोहजाल’ में लेने की ज्यादा दिखती है। गत मार्च में अब्बास ने जिनपिंग को पत्र भेजकर तीसरी बार राष्‍ट्रपति बनने पर बधाई भी दी थी।

जिनपिंग ने कल अपने भाषण में इस बात को रेखांकित किया कि अब्‍बास इस वर्ष चीन के दौरे पर आए अरब देश के पहले नेता बने हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन तथा फिलिस्‍तीन आपस में विश्वास करने तथा समर्थन देने वाले अच्छे मित्र तथा साझीदार रहे हैं। जैसा पहले बताया, चीन फिलिस्तीन मुक्ति संगठन तथा फिलिस्‍तीन स्टेट को मान्यता देने वाले शुरुआती देशों में से एक है।

जिनपिंग यह कहना भी नहीं भूले कि दुनिया में महत्वपूर्ण बदलावों तथा मध्यपूर्व की स्थिति में आए नए परिवर्तन को देखते हुए वे फिलिस्‍तीन के साथ समन्वय तथा सहयोग को और बढ़ाना चाहते हैं। वे उस देश के समग्र, निष्पक्ष तथा स्थाई हल के लिए काम करने को तैयार हैं। क्या दोनों नेताओं के बीच रणनीतिक साझेदारी के संबंध स्थापित करने की बात होना भविष्य की भूराजनीतिक स्थितियों की ओर संकेत है?

विशेषज्ञों के अनुसार, बेशक, चीन अपने बाजार के विस्तार और बीआरआई परियोजना पर तेजी से बढ़ने के साथ ही खुद को एक महाशक्ति के नाते स्थापित करने को बेचैन है। अमेरिका के सतर्क होकर दरवाजे बंद करने के बाद, चीन की कोशिश अफ्रीकी, मध्यएशियाई, दक्षिण एशियाई देशों पर ‘मददगार शंतिदूत’ की छवि दिखाकर, बाजार के रास्ते उनकी अर्थव्यवस्था को शिकंजे में लेना चाहता है। वह अमेरिका के बरअक्स एक गुट खड़ा करना चाहता है।

अमेरिका और भारत के बीच घटती दूरियां भी उसके लिए चिंता की वजह होंगी। ‘शांतिदूत’ का बाना ओढ़कर जिनपिंग सिंक्यांग में उइगरों और दूसरे अल्पसंख्यक समूहों पर अपने दमन को शायद ढांप लेना चाहते हैं। लेकिन ऐसा शायद होगा नहीं, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सहित दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों के पास उइगरों पर चीनी कम्युनिस्ट सत्ता के दमन के दस्तावेजी सबूत हैं। जो मिटाए नहीं मिट सकते।

Topics: bridevelopmnetisraeleconomyफिलिस्तीनचीनPalestineamericabilateralrussiavisituighurजिनपिंगxinxiangxiIndiacpecpeaceChinaoppressionअब्‍बासIranabbas
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Defence deal among Israel And NIBE

रक्षा क्षेत्र में भारत की छलांग: NIB लिमिटेड को मिला इजरायल से ₹150 करोड़ का यूनिवर्सल रॉकेट लॉन्चर ऑर्डर

Iran Executed a man

ईरान में मोहसेन लैंगरनेशिन को फांसी: इजरायल के लिए जासूसी के झूठे आरोपों और यातना का दावा

जिहादियों के ताबूतों के साथ पाकिस्तान सेना के अनेक कमांडर सिर झुकाए खड़े थे जैसे कोई उनके बहुत सगे वाले हलाक हुए हैं

FATF में फिर गर्त में जाएगा जिन्ना का देश, जिन्ना की जिहाद की नर्सरी के विरुद्ध भारत के कड़े रुख का कितना पड़ेगा असर!

सीनेटर सैयद अली जफर

Indus Water Treaty: भारत के ‘वाटर बम’ से तिलमिलाए जिन्ना के देश के सांसद जफर, कहा-‘हम प्यासे मर जाएंगे’

Donald trump

ट्रंप की टैरिफ धमकी: Apple के भारत में प्लांट पर 25% शुल्क, फिर भी क्यों फायदेमंद रहेगा भारत?

Operation sindoor

भारत ने तुर्किये और चीन से साफ कहा, परस्पर संवेदनशीलता और सम्मान पर आधारित होते हैं संबंध

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Leftist feared with Brahmos

अब समझ आया, वामपंथी क्यों इस मिसाइल को ठोकर मार रहे थे!

सीबीएसई स्कूलों में लगाए गए शुगर बोर्ड

Mann Ki Baat: स्कूलों में शुगर बोर्ड क्यों जरूरी? बच्चों की सेहत से सीधा रिश्ता, ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने की तारीफ

सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया

उत्तराखंड : नैनीताल में 16 बीघा जमीन अतिक्रमण से मुक्त, बनी थी अवैध मस्जिद और मदरसे

उत्तराखंड : श्री हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए

यूनुस और शेख हसीना

शेख हसीना ने यूनुस के शासन को कहा आतंकियों का राज तो बीएनपी ने कहा “छात्र नेताओं को कैबिनेट से हटाया जाए”

Benefits of fennel water

क्या होता है अगर आप रोज सौंफ का पानी पीते हैं?

Acharya Premananda Ji Maharaj

आचार्य प्रेमानंद जी महाराज से जानिए भगवान को कैसे प्रसन्न करें?

India Exposes Pakistan

‘पाकिस्तान के आतंकी हमलों में 20,000 भारतीयों की हुई मौत’, UNSC में भारत ने गिनाए पड़ोसी के ‘पाप’

ghar wapsi

घर वापसी: सुंदरगढ़ में 14 आदिवासियों की घर वापसी, मिशनरियों के प्रलोभन से बने थे ईसाई

India has becomes fourth largest economy

जापान को पीछे छोड़ भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 4.18 ट्रिलियन डॉलर का आकार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies