मध्यप्रदेश के दमोह में गंगा-जमुना स्कूल में हिजाब मामले के खुलासे के बाद स्कूल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक स्कूल में मतांतरण से लेकर टेरर फंडिंग तक बड़े खुलासे हो चुके हैं। अब जल्द ही इस स्कूल के संचालकों के ठिकानों पर बुलडोजर चल सकता है। एमपी के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इसके संकेत दिये हैं।
गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दमोह के विवादित गंगा-जमुना स्कूल में मतांतरण के मामले में जांच सही दिशा में की जा रही है। प्याज के छिलकों की तरह एक के बाद एक कर परतें खुलती जा रही हैं। जो फरार हैं, उनकी जितनी भी फिरका परस्त ताकतें हैं, माफिया हैं, उन पर बुलडोजर तो चलता ही है।
इधर दमोह नगर पालिका ने गंगा जमना स्कूल के नाम एक नोटिस जारी किया है, जिसमें स्कूल परिसर में बिना अनुमति के निर्माण कार्य किये जाने का हवाला दिया गया है और कहा गया गया है कि तीन दिन के अंदर इस नोटिस का जवाब दिया जाए, अन्यथा नगर पालिका इस निर्माण कार्य को धराशाई कर देगी। रविवार यानी छुट्टी के दिन जारी किए गए इस नोटिस को स्कूल को भेजा गया है। नोटिस रशके जहां पति राशिद खान के नाम पर भेजा गया है। राशिद स्कूल के बोर्ड मेम्बर में से एक हैं, जिनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है और वो फरार है, जबकि स्कूल की जमीन पर मालिकाना हक उनकी पत्नी रशके जहां का है, लिहाजा उनके नाम नोटिस जारी हुआ है।
प्राचार्य समेत तीन हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें कि हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने के मामले में पुलिस ने शनिवार रात स्कूल की प्राचार्य अफशा शेख, मैथ टीचर अनस अतहर और चौकीदार रुस्तम अली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले में धर्मांतरण अधिनियम की धारा भी बढ़ाई गई है। स्कूल प्रबंध समिति के बाकी सदस्यों की भी पुलिस तलाश कर रही है।
मतांतरण से लेकर देश के नक्शे तक छेड़छाड़
गौरतलब है कि गंगा-जमुना समूह के प्रतिष्ठानों को लेकर लगातार खुलासे हो रहे है। गंगा-जमुना में पहले हिंदू छात्राओं पर हिजाब पहनाने का मामला सामने आया था। उसके बाद फिर मतांतरण कराने और देश के नक्शे के साथ छेड़छाड़ करने समेत कई मामले सामने आ चुके हैं। स्कूल परिसर में मजहबी विचार लिखे थे, मामला सामने आने पर स्कूल से उसके ऊपर पेंट करवा दिया है।
स्कूल से मस्जिद जाने का गुप्त रास्ता
यहां तक की एमपी एससीपीआर के सदस्यों ने निरीक्षण किया था। उनको स्कूल से मस्जिद की तरफ जाने वाला एक गुप्त मार्ग भी मिला है, जिससे माना जा रहा है कि यहां छात्रों को इस्लामी प्रार्थना पढ़ने के लिए विवश किया जाता था।
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