नई दिल्ली। मणिपुर में एक बार फिर हिंसा हुई। कुकी विद्रोही इस हिंसा को हवा दे रहे हैं। शुक्रवार को उग्रवादियों ने खोकेन गांव मं एक महिला सहित तीन लोगों को मार डाला। पुलिस ने बताया कि आरोप खाकी पोशाक पहने हुए थे। वे शुक्रवार सुबह खोकेन गांव और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। खोकेन गांव कांगपोकपी और पश्चिम इंफाल जिले की सीमा पर है। इस हिंसा में अभी तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष मणिपुर हिंसा की जांच के लिए इंफाल पहुंचे
। पिछले 24 घंटे के दौरान मणिपुर के इंफाल पूर्व, काकचिंग, टेंग्नौपाल और बिष्णुपुर जिलों में 57 हथियार, 1,588 गोला-बारूद और 23 बम बरामद किए गए हैं। अब तक कुल 953 हथियार, 13,351 गोला बारूद और विभिन्न प्रकार के 223 बम बरामद किए गए हैं। तलाशी अभियान अभी जारी है।
मणिपुर हिंसा से जुड़े छह मामलों की सीबीआई करेगी जांच
मणिपुर हिंसा से जुड़े छह मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) करेगी। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने सीबीआई जांच के लिए मणिपुर हिंसा के 6 मामले डीओपीटी को भेजे हैं। मणिपुर यात्रा के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि सभी पंजीकृत मामलों में से 6 मामलों की जांच सीबीआई की विशेष टीम (एसआईटी) द्वारा की जाएगी।
न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष मणिपुर हिंसा की जांच के लिए इंफाल पहुंचे
मणिपुर हिंसा की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच आयोग के अध्यक्ष और सदस्य शुक्रवार को मणिपुर पहुंचे। गौहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति अजय लांबा इस आयोग के अध्यक्ष हैं और हिमांशु शेखर दास (सेवानिवृत्त) आईएएस आयोग के सदस्य हैं। पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग इस मामले की जांच शुरू करेगा।
3 मई को मणिपुर में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी थी। इसमें कई लोगों की जान गई थी। आगजनी हुई और घरों और संपत्तियों को जला दिया गया और उनमें से कई बेघर हो गए। गृह मंत्रालय ने 4 जून को न्यायमूर्ति अजय लांबा, हिमांशु शेखर दास और आलोक प्रभाकर से मिलकर एक जांच आयोग नियुक्त किया। आयोग राज्य में हुई विभिन्न समुदायों को निशाना बनाकर की गई हिंसा और दंगों के कारणों और प्रसार की जांच करेगा और उसके बाद की घटनाओं का क्रम और इस तरह की हिंसा से संबंधित सभी तथ्यों की जांच करेगा। किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों या व्यक्तियों की ओर से इस संबंध में बरती गई लापरवाही की भी जांच होगी।
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