बिजनौर। देश में रेलवे ने भाप के इंजन की विदाई भले ही कर दी हो, लेकिन बिजनौर में ये आज भी चलता है। जिले की स्योहारा चीनी मिल से आज भी रेलवे स्टेशन तक ये छुक-छुक गाड़ी चल रही है। ये कोयले की भाप से चलने वाला इंजन अपने डिब्बों में चीनी की बोरियों की ढुलाई कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक ये इंजन 1956 में जर्मनी से यहां मंगवाया गया था और अभी तक सही हालत में काम कर रहा है। पहले ये नगीना रेलवे स्टेशन तक आने वाले गन्ने की मिल तक ढुलाई करने के काम आता था। उस वक्त स्टेशन के पार चीनी मिल तक आने का कोई सड़क नहीं थी। गन्ना स्टेशन के बाहर उतार दिया जाता था, वहां से इसे रेल ट्रैक के माध्यम से मालगाड़ी से लाया जाता था। बाद में सड़क बन गई और उसके बाद ये छोटी लाइन का इंजन चीनी की बोरियों को स्टेशन में मालगाड़ी तक लाने का काम कर रहा है।
आज भी जब ये इंजन चलता है तो इसे देख कर लोग सहसा रुक जाते हैं। अवध शुगर मिल स्योहारा के महाप्रबंधक दिनेश कुमार बताते हैं कि 1956 में यहां आया इंजन अच्छी हालत में काम कर रहा है। इंजन बनाने वाली कंपनी बंद हो चुकी है। जब कोई पार्ट खराब होता है तो हम उसे मिल में ही नया बनवा लेते हैं। ये इंजन हमारी देश की धरोहर भी है और ये सालों से हमारी शुगर मिल परिवार का सदस्य भी है, जिसे हम सभी प्यार और सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।
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