चीन मुसलमानों और उनकी मस्जिदों, दरगाहों और मकबरों को जब चाहे ध्वस्त करता आ रहा है, मुसलमानों पर दमन करता आ रहा है। लेकिन उसके ‘दोस्त’ मुस्लिम देश उसकी इन हरकतों पर जबान सिले रहते हैं। वे किसी भी मंच पर यह नहीं कहते कि ‘चीन में मुसलमानों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं’। ताजा खबर ये है कि चीन ने यून्नान प्रांत में स्थित एक प्राचीन मस्जिद को ध्वस्त करने का बीड़ा उठाया हुआ है। इसी बात पर कल वहां एक बड़ा संघर्ष भी छिड़ा था।
यून्नान प्रांत की यह मस्जिद 13वीं सदी की बताई जा रही है। स्थानीय ही नहीं, बल्कि अन्य प्रांतों में बसे चीनी मुसलमानों का भी यहां आना-जाना रहता है। इसी मस्जिद को लेकर अब जबरदस्त बवाल उठ खड़ा हुआ है। मस्जिद में किए गए ‘अनधिकृत विस्तार’ पर गाज गिराई जा रही है, क्योंकि ऐसा वहां की ‘अदालत ने कहा’ है। कल जब ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हुई तो मुसलमान पुलिस से भिड़ गए। दोनों तरफ से खूब रस्साकशी चली। स्थानीय मुसलमानों ने पुलिस वालों के सामने दीवार खड़ी करने की कोशिश की तो उधर पुलिस ने बल प्रयोग करके मुसलमानों की भीड़ को तितर-बितर किया। पत्थरबाजी हुई और नारेबाजी भी। (देखें वीडियो)
📹 Footage from China’s Yunnan province allegedly shows clashes between Hui Muslims and police after being denied mosque entry.
Online info hints at authorities planning mosque demolition. pic.twitter.com/f0MTjZZqZg— Mete Sohtaoğlu (@metesohtaoglu) May 29, 2023
यून्नान का बवाल विश्वभर के मीडिया में छाया हुआ है। मस्जिद को तोड़ने में प्रशासन को दिक्कत इसलिए आ रही है कि जिस इलाके में वह स्थित है वह इलाका मुस्लिम बहुल है। मस्जिद में हाल ही में जो मीनार और गुंबद बनाया गया है उसे एक अदालत ने अवैध ठहराया है। पुलिस वहां ऐसी चार मीनारों को तोड़ने पहुंची थी, लेकिन तोड़ नहीं पाई।
चीन में कम्युनिस्ट सत्ता का राज है जो अनश्विरवादी मानी जाती है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने सिंक्यांग में उइगरों का जो हाल बनाया हुआ है, उसे पूरी दुनिया जानती है। उइगरों के दमन पर दुनिया भर का मीडिया रिपोर्ट छापता आ रहा है। यूएन तक में यह मुद्दा कई बार गूंजा है लेकिन चीन का एक ही बयान आता रहा है कि सिंक्यांग में उइगरों का कोई दमन नहीं हो रहा है। चीनी अधिकारी नाचते उइगरों की फर्जी तस्वीरों को दुष्प्रचारित करके झांसा बनाए रखते हैं।
अब यून्नान का बवाल विश्वभर के मीडिया में छाया हुआ है। मस्जिद को तोड़ने में प्रशासन को दिक्कत इसलिए आ रही है कि जिस इलाके में वह स्थित है वह इलाका मुस्लिम बहुल है। इसलिए ध्वस्तीकरण में जुटे दस्ते को और पुलिस को स्थानीय मुस्लिमों से जबरदस्त संघर्ष करना पड़ा है। मस्जिद में हाल ही में जो मीनार और गुंबद बनाया गया है उसे एक अदालत ने अवैध ठहराया है। पुलिस वहां ऐसी चार मीनारों को तोड़ने पहुंची थी, लेकिन तोड़ नहीं पाई। बताते हैं, यून्नान प्रांत मुस्लिम बहुत है। सिंक्यांग के साथ ही यह प्रांत भी चीन सरकार की तिरछी नहर में है।
उल्लेखनीय है कि चीन सरकार की ऐसी मुस्लिम विरोधी नीतियों के बावजूद, उसे तुर्की, कतर और पाकिस्तान जैसे देश अपना ‘दोस्त’ बताते हैं और उससे हर तरह का व्यवहार रखते हैं। दुुनिया भर के मुसलमानों के पैरोकार होने का दावा करने वाले ये देश इस मुद्दे पर भी मुंह सिले बैठे हैं। ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ की बाबत इससे अधिक क्या कहा जा सकता है!
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