मध्यप्रदेश में मौसम में बदलाव जारी है। रविवार शाम को उज्जैन में तेज आंधी तूफान के साथ जोरदार बारिश हुई। इससे शहर में जनजीवन अस्त व्यवस्त हो गया। तेज आंधी और बारिश से विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के आंगन में हाल में निर्मित श्री महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां गिर गईं। अन्य मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। महाकाल महालोक में कुल 127 मूर्तियां लगाई गई हैं। नीचे गिरी मूर्तियों को क्रेन की मदद से उठाया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिगड़े मौसम से नुकसान का संज्ञान लिया है। उन्होंने उज्जैन कलेक्टर और कमिश्नर से फोन पर चर्चा कर राहत कार्य के लिए निर्देश दिए हैं।
रविवार शाम तेज आंधी और बारिश में सप्तऋषियों की छह मूर्तियां गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है।
मूर्तियां गिरने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों की टीम महाकाल लोक पहुंच गई। श्रद्धालुओं को बाहर किया गया। कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम का कहना है कि बहुत तेज आंधी आने के कारण मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिरी हैं। इन मूर्तियों की लाइफ 10 साल है। पत्थर की मूर्तियां बनने में समय लगेगा। फिलहाल कंपनी को ही इनका रखरखाव करना है। क्रेन की मदद से मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा। घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल मूर्तियों को पुनर्स्थापित करने के लिए महाकाल लोक को बंद किया गया है।
दरअसल, उज्जैन में रविवार शाम को अचानक मौसम बदला और गरज-चमक के साथ तेज आंधी चलने लगी। हवा की गति इतनी तेज थी कि चंद मिनटों से सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। महाकाल मंदिर, देवास रोड, दशहरा मैदान,फ्रीगंज, खाकचौक, हिरामिल की चाल आदि क्षेत्रों में कई पेड़ उखड़कर गिर गए। महाकाल मंदिर के समीप ही विशाल बरगद का पेड़ गिरने से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद
अधिकारियों के अनुसार मूर्तियों की स्थिति सुधारने तक फिलहाल श्रद्धालुओं का महाकाल महालोक में प्रवेश बंद कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि महालोक में दस से 25 फीट ऊंची मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से निर्मित की गई हैं।
प्राकृतिक आपदा की घड़ी में कांग्रेस कर रही राजनीति, फैला रही भ्रम – शिवराज सिंह
मालवा क्षेत्र में उज्जैन के आसपास के क्षेत्र में आंधी चलने से हुए नुकसान की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम फोन पर उज्जैन कमिश्नर और कलेक्टर से जानकारी ली और राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जहां तेज आंधी तूफान में दो लोगों की मृत्यु हुई हो, लोग घायल हुए हों, वहां कांग्रेस लोगों के साथ खड़े होने के स्थान पर राजनीति कर रही है। बिना किसी तथ्य को सामने रखे केवल भ्रम फैला रही है, जो निंदनीय है।
मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन एवं आसपास के क्षेत्र में आंधी से प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इसमें जिसमें उज्जैन और नागदा में दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई और तीन लोग घायल हुए। 50 वृक्ष और बहुत से बिजली के खंभे उखड़ गए। महाकाल लोक की 155 प्रतिमाओं में से तीन खंडित हुई हैं। ये सभी संबंधित एजेंसी द्वारा स्थापित की जाएंगी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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