पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हरिद्वार, देहरादून जिले में ऐसी महिलाओं का गैंग सक्रिय है, जो घूंघट ओढ़े हुए युवकों को ड्रग्स की सप्लाई करती हैं। मेरठ पुलिस इस गैंग की धर पकड़ शुरू कर चुकी है।
ड्रग्स स्मैक का धंधा करने वालों ने नया रूप धारण करवा लिया है। कभी आइसक्रीम के ठेले पर कभी बाइक सवारों से होम डिलीवरी, कभी मैगी पॉइंट्स से स्मैक बिकवाने वालों ने अब महिलाओं का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। शहरों में राजस्थानी पोशाक पहन कर घूंघट ओढ़ कर घूमने वाली महिलाओं का गैंग हर शहर में स्मैक बेच रहा है। पुलिस की निगाहों में ये गैंग आ गया है और इनकी धर पकड़ शुरू हो गई है।
पहले ये महिलाएं शहरों में खाना बदोश के रूप में आती थीं और बाढ़ आने की बात कहकर घर-घर जाकर पुराने कपड़े एकत्र करने, भीख मांगने आदि का नाटक कर, दुकानों से माल उठाने या चोरी करने का काम करती थीं। अब इस गैंग ने अपना धंधा बदल लिया है और अब ये ड्रग बेचने स्मैक सप्लाई करने के धंधे में लिप्त है। जानकारी के मुताबिक इस गैंग में 100 से ज्यादा महिलाएं हैं और इनके पुरुष इनसे ये धंधा करवा रहे हैं। मोबाइल लिए ये महिलाएं अपने ग्राहकों तक पहुंचती हैं।
मेरठ में पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए बनाई गई एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने इस गैंग की पहचान कर अपना ऑपरेशन वेस्टर्न यूपी के सात जिलों मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर में इन महिलाओं को चिन्हित किया है। एएनटीएफ के सीओ राजेश कुमार के मुताबिक हर जिले में ऐसी 120 महिलाओं को चिन्हित किया गया है। हम हरियाणा और उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में भी जानकारी साझा कर रहे हैं। दो महिलाओं के पकड़े जाने के बाद ये भेद खुला है।
उधर उत्तराखंड में हरिद्वार क्षेत्र में ऐसी महिलाओं के बारे में जानकारी मिली है कि वो यहां यात्रियों के सामान उठाने का धंधा करती है। इस बारे में और छानबीन की जा रही है कि वो ड्रग्स के धंधे में शामिल है की नहीं।
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