ऋषिकेश : देवभूमि उत्तराखंड में बढ़ते लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसे मामलों को लेकर संतों ने चिंता व्यक्त करते हुए शीघ्र सरकार से इस प्रकार की गतिविधियों पर शक्ति के साथ रोक लगाए जाने की मांग की है। सोमवार को ब्रह्मपुरी स्थित श्रीराम तपस्थली वैष्णव कुलभूषण संत शिरोमणि महामंडलेश्वर दयाराम दास की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ।
इस दौरान महंत स्वामीअरुण दास महाराज जगन्नाथ आश्रम हरिद्वार प्रदेश महामंत्री महंत स्वामी अरुण दास महाराज ने सभी संतों के साथ बैठकर कर उत्तराखंड प्रदेश में बढ़ते लव जिहाद एवं लैंड जिहाद जैसे कई विषयों पर चर्चा की। प्रदेश महामंत्री ने कहा की सनातन धर्म ढोंग नहीं जीवन शैली को ढंग से जीने की राह दिखाता है, लेकिन उत्तराखंड में मदिरा और मांस का जो बाजार हमारी देवभूमि पर चल रहा है, यह पूरी तरह गलत है, जो की चिंता का विषय बन गया है।
संतों ने उत्तराखंड में वन भूमि पर अवैध तरीके से बनाई गई, मजारों को हटाए जाने के लिए सरकार के अभियान का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। बैठक में कहा गया कि उत्तराखंड से आए दिन महिलाओं को बड़ी संख्या में बहला-फुसलाकर अन्य प्रदेशों में ले जाया जा रहा है, वहीं अन्य प्रदेशों से उत्तराखंड में घुसपैठ कर सीधे-साधे लोगों को गुमराह कर जमीनों पर भी डाका डाला जाता है। जिसके कारण हमें अपनी जमीने बचाना भी दूभर हो गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे खेत खलियान की भूमि पर पड़ी-पड़ी अट्टालिका बढ़ाकर पहाड़ों का स्वरूप बदला जा रहा है। साथ ही यह भी कहा गया कि यदि इस पर भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो हमारी भौगोलिक परिस्थितियां भी बदल जाएंगी, और देवभूमि की जगह यह भी पर्यटन स्थलों में बदल जाएगा जिस पर प्रतिबंध लगाए जाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर जल्दी इस पर विचार किया जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
बैठक में महंत स्वामी अरुण दास महाराज जगन्नाथ आश्रम हरिद्वार और ऋषिकेश इकाई के अध्यक्ष वैष्णव कुलभूषण महंत स्वामी गोपालाचार्य महाराज, तुलसी मानस मंदिर के महंत स्वामी रवि प्रपन्नाचार्य महाराज महंत महावीर दास, महंत प्रमोद दास, स्वामी आलोक हरी महाराज, स्वामी अखंडानंद सरस्वती राम नगर के कई वरिष्ठ व्यक्ति भी उपस्थित रहे ।
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