पाकिस्तान में फौज का कैसा दबदबा रहा है, इसका मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट यानी एमक्यूएम नेता ने अपने एक ताजा साक्षात्कार में सनसनीखेज खुलासा किया है। दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर उनके समर्थकों ने पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध जिस प्रकार से अपना क्रोध जाहिर किया है, उस संदर्भ में कहा कि पाकिस्तान में सब सेना की मर्जी से चलता है। एमक्यूएम के निर्वासित नेता अल्ताफ हुसैन ने इसके साथ यह भी कहा है कि पाकिस्तान को बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना को सेना ने ही तो धीमा जहर देकर मारा था। उनके अनुसार, पाकिस्तान में कोई सबसे बड़ा गद्दार है तो वह है उस देश की सेना।
पड़ोसी इस्लामी देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के पीछे पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। इस संदर्भ में डीडब्ल्यू चैनल को दिया अल्ताफ का यह ताजा साक्षात्कार पाकिस्तान में सत्ता अधिष्ठान में चर्चा का विषय बना है। उनका दावा है कि भारत विभाजन करके पाकिस्तान की बुनियाद डलवाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना को भी जहर देकर मारा गया था। उनका सीधा इशारा इस्लामी देश की सेना पर है। अल्ताफ खुलकर कहते हैं कि पाकिस्तान को बर्बाद करने में अगर किसी का सबसे बड़ा हाथ है तो वह सेना ही है।
अल्ताफ ही नहीं, पाकिस्तान के अधिकांश नेता भी पाकिस्तान की वर्तमान गृहयुद्ध जैसी स्थिति के पीछे सेना को ही दोष दे रहे हैं। अल्ताफ हुसैन ने जर्मन चैनल डीडब्ल्यू को जो साक्षात्कार दिया है उसमें यह स्वीकारा है कि सेना ने सबसे पहले कायदे आजम को मार्ग से परे किया। कैसे? उन्हें धीमा जहर दिया गया था।
अल्ताफ का यह ताजा साक्षात्कार पाकिस्तान में सत्ता अधिष्ठान में चर्चा का विषय बना है। उनका दावा है कि भारत विभाजन करके पाकिस्तान की बुनियाद डलवाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना को भी जहर देकर मारा गया था। उनका सीधा इशारा इस्लामी देश की सेना पर है। अल्ताफ खुलकर कहते हैं कि पाकिस्तान को बर्बाद करने में अगर किसी का सबसे बड़ा हाथ है तो वह सेना ही है।
इतना ही नहीं, सेना ने जिन्ना के सबसे करीबी समझे जाने वाले लियाकत अली खान को मारा। उन्हें बीच समारोह में गोली मार दी गई। फिर फातिमा जिन्ना का नंदर आया। फातिमा को भी तब मार डाला गया जब पाकिस्तान पर अयूब खान की हुकूमत थी। 1947 के बाद से ही पाकिस्तान को वहां की सेना ने अपने शिकंजे में जकड़ा हुआ है।
अल्ताफ वहां कभी कभी झांसे के तौर पर दिखे ‘लोकतंत्र’ के संदर्भ में अल्ताफ हुसैन का कहना है कि वहां राज चाहे नवाज शरीफ का रहा हो, आसिफ अली जरदारी, बेनजीर भुट्टो या और किसी का राज रहा हो, सभी सेना और आईएसआई के सामने झुकते रहे हैं। अगर वे ऐसा नहीं करते या आगे करेंगे तो वे राज नहीं कर पाते या पाएंगे।
आगे उनका कहा है कि पाकिस्तान की सेना के जनरल ही तो सबसे बड़े गद्दार हैं। वे जनरल दूसरों को गद्दार बताते हैं जबकि असल में वे खुद ही ऐसे हैं। पाकिस्तानी सेना के 2 फीसदी रसूखदार ही वहां 75 साल से राज करते आ रहे हैं। वे खुद को इतने दमदार मानते हैं कि स्वयं को ‘अल्लाह से भी ऊपर’ देखते हैं। आज उनकी ही वजह से पाकिस्तान का ये हाल हो गया है जैसा देखने में आ रहा है। आज वह इस्लामी देश दूसरे इस्लामी देशों, चीन और आईएमएफ के भीख में दिए कर्ज पर पल रहा है।
एमक्यूएम के नेता अल्ताफ वर्षों से लंदन में निर्वासित जीवन जी रहे हैं और वहीं से अपनी राजनीति चलाते हैं। वे कई मौकों पर पाकिस्तान की सेना पर तीखी टिप्पणियां कर चुके हैं।
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