देश-दुनिया के इतिहास में 9 मई की तारीख तमाम वजह से दर्ज है। इस तारीख का महत्व दुनियाभर की महिलाओं के लिए भी है। 1960 में 9 मई को ही अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने दुनिया की पहली बर्थ कंट्रोल पिल को मंजूरी दी थी। इस पिल का नाम इनोविड-10 था। इसे जीडी सर्ल नामक कंपनी ने बनाया था। बर्थ कंट्रोल पिल को अमेरिकी महिला और बर्थ कंट्रोल एक्टिविस्ट मार्ग्रेट सेंगर के दिमाग की उपज माना जाता है। सेंगर ने इसके लिए करीब 50 साल तक संघर्ष किया। वो एक नर्स थीं। 1916 में उन्होंने अमेरिका का पहला बर्थ कंट्रोल क्लीनिक न्यूयॉर्क के ब्रूकलिन में खोला था। यह वो दौर था जब दुनिया के ज्यादातर देशों में बर्थ कंट्रोल और गर्भपात को गैरकानूनी माना जाता था। इसी वजह से ये क्लीनिक महज 10 दिन ही चल सका।
अगले ही साल न्यूयॉर्क की एक कोर्ट ने सेंगर को 30 दिन के लिए जेल में डाल दिया। 1914 में उन्होंने ‘फैमिली लिमिटेशन’ नाम की किताब लिखी। इस किताब पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। उन पर मुकदमा चला और उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा। 1917 में उन्होंने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ‘बर्थ कंट्रोल रिव्यू’ नाम से एक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया। इसी साल उन्हें फैमिली प्लानिंग इनफॉर्मेशन लोगों को देने के लिए जेल हुई।
मगर माग्रेट सेंगर के प्रयासों के चलते 1940 तक अमेरिका में बर्थ कंट्रोल से जुड़े करीब 400 क्लीनिक खुल गए। 1950 में सेंगर पहली बार जीव विज्ञानी ग्रेगरी गुडविन पिंकस से मिलीं। इस मुलाकात में उन्होंने पिंकस से ओरल बर्थ कंट्रोल पिल पर काम करने का अनुरोध किया। लंबे सोच विचार के बाद 1953 में ग्रेगरी पिंकस ने जॉन रोक के साथ मिलकर बर्थ कंट्रोल पिल बनाने का काम शुरू किया। 29 अक्टूबर, 1959 को फार्मा कंपनी जीडी सेरल्स ने बर्थ कंट्रोल पिल बनाने की मंजूरी के लिए अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के यहां आवेदन किया। 9 मई, 1960 को उसने इसको मंजूरी प्रदान की। दो दिन बाद 11 मई को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके इस्तेमाल को मंजूरी देने का सार्वजनिक तौर पर एलान किया।
इसके बाद पिल्स का इस्तेमाल बढ़ा। प्लान्ड पेरेंटहुड फेडरेशन ऑफ अमेरिका के मुताबिक 1965 तक अमेरिका में 45 साल से कम उम्र की हर चौथी शादीशुदा महिला इन पिल्स का इस्तेमाल प्रेग्नेंसी रोकने के लिए करने लगी। 1970 में अमेरिका ने इन पिल्स को अविवाहित महिलाओं को इस्तेमाल करने की भी इजाजत दे दी। आज भी अनचाही प्रेग्नेंसी रोकने के लिए पिल्स का इस्तेमाल खूब किया जाता है।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1502 : दुनिया के सबसे बड़े खोजी यात्री और नई दुनिया के खोजकर्ता माने जाने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस ने एशिया का रास्ता तलाश करने के लिए स्पेन के कादिज से अपनी चौथी यात्रा शुरू की।
1689 : अंग्रेज शासक विलियम तृतीय ने फ्रांस के साथ युद्ध की घोषणा की।
1874 : बंबई (अब मुंबई) में पहली बार घोड़े से खींची जाने वाली ट्राम कार शुरू हुई।
1946 : डॉ. राम मनोहर लोहिया की अगुआई में गोवा में पुर्तगाल के शासन के खिलाफ पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू हुआ।
1947 : वैश्विक वित्तीय संस्था विश्व बैंक ने अपना पहला ऋण फ्रांस को दिया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पुनर्निर्माण के लिए फ्रांस ने 50 करोड़ डालर का कर्ज मांगा था और 1944 में स्थापित विश्व बैंक ने उसे इससे आधा अर्थात 25 करोड़ डालर का कर्ज दिया।
1955 : पश्चिम जर्मनी नाटो का सदस्य बना और फ्रांस स्थित नाटो मुख्यालय में जर्मनी का ध्वज फहराया गया।
1960 : अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने पहली गर्भनिरोधक गोली को मंजूरी दी।
1975 : पहली विद्युत टंकण मशीन बनाई गई।
1993 : दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर के नाम्बिजा क्षेत्र में भूस्खलन से 300 लोगों की मौत।
2000 : जाफना प्रायद्वीप के एलीफेंट दर्रे पर कब्जे के लिए लिट्टे के साथ हुए संघर्ष में श्रीलंका के 358 सैनिक मारे गए।
2004 : चेचेन्या में एक विस्फोट में वहां के राष्ट्रपति अखमद कादरोव का निधन।
2005 : मास्को में रूस द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी सेना पर विजय की 60वीं वर्षगांठ के जलसों में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाग लिया।
2008 : अमेरिका ने पाकिस्तान को 8.1 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता देने से इनकार किया।
2010 : भारत की वंदना शिवा को विकासशील देशों में महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग देने के लिए वर्ष 2010 के सिडनी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया।
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