रामपुर। यूपी की रामपुर पुलिस ने आजम खां के बेहद करीबी रिटायर्ड सीओ आले हसन को दिल्ली के शाहीन बाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। कई मामलों में फरार चल रहा आले हसन राजधानी में अपने घर में छिपा था। सपा सरकार में रामपुर में तैनाती के दौरान आले ने जनता पर बहुत जुल्म किए थे। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जबरन किसानों की जमीनें हथियाने में सीओ ने आजम का पूरा साथ दिया था। आजम पर दर्ज तमाम मुकदमों में आले हसन भी अभियुक्त है और कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर रखा था।
बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश में जब भी सपा सरकार रही तो आजम खां अपने करीबी सीओ आले हसन की रामपुर में तैनाती कराकर रखते थे। आले हसन जब इंस्पेक्टर था तो उसे सिविल लाइंस कोतवाली का प्रभारी बनाया गया था। बाद में जब वह प्रमोशन पाकर सीओ बन गया, तो भी उसकी पोस्टिंग रामपुर सिटी सर्किल में रही थी। आजम खां से आले हसन की करीबियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह पुलिस सेवा से रिटायर हुअआ तो उसको जौहर यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी आफिसर बना दिया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि आले हसन ने रामपुर में तैनात रहते हुए आजम खां के इशारे पर जनता के ऊपर बहुत जुल्म किए। लोगों पर फर्जी मुकदमे लगाए। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जबरन किसानों की जमीनें दिलवाईं।
2017 में यूपी की सत्ता से समाजवादी पार्टी हटी तो पीड़ित किसानों ने इंसाफ के लिए कानून का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद वर्ष 2019 में आजम खां के खिलाफ रामपुर के थाना अजीमनगर आलियागंज गांव के 26 किसानों ने मुकदमे दर्ज कराए थे। आजम पर गांववालों की जमीनों पर जबरन कब्जा कर जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने का आरोप था। इन सभी मुकदमों में सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां का भी नाम शामिल है। किसानों का कहना था कि तत्कालीन सीओ आले हसन ने आजम खां के लिए किसानों को जबरन घरों से उठाकर हवालात में बंद किया था। मारपीट कर उनकी जमीनों को बिना मुआवजा दिए जौहर यूनिवर्सिटी के नाम बैनामा करा दिया था। कई मुकदमों में पुलिस ने आले हसन के खिलाफ चार्जशीट लगा दी थी। कई मामलों में वह फरार चल रहा था। कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर रखा था। रामपुर की थाना अजीमनगर पुलिस ने सटीक सूचना पर छापेमारी कर कल रात आले हसन को दिल्ली में शाहीन बाग स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया है।
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