रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ राजौरी पहुंच गए हैं। रक्षा मंत्री के साथ इस दौरान उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, कॉर्प्स कमांडर व्हाइट नाइट कॉर्प्स और जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर भी राजौरी पहुंचे हैं।
सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री इस दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के अलावा राजौरी-पुंछ में हुए हमलों के बारे में विस्तार से जानेंगे। उन्हें कश्मीर समेत जम्मू संभाग में चल रहे सैन्य अभियानों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि कंडी वन क्षेत्र में अभियान के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद रक्षा मंत्री जम्मू-कश्मीर खासकर राजौरी और पुंछ में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं।
इससे पहले दिन में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया और उन्हें ग्राउंड कमांडरों द्वारा चल रहे अभियान के घटनाक्रमों की जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि जम्मू में राजौरी और पुंछ, जिन्हें एक दशक से अधिक समय पहले आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था, पिछले 18 महीनों में आतंकियों द्वारा किए गए घातक हमलों से अब यहां दहशत का माहौल है।
राजौरी के कंडी वन क्षेत्र में पांच जवानों का बलिदान इस साल की तीसरी बड़ी घटना है। यह ऐसे समय में हुआ जब भाटा धूलियां (पुंछ) में सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद सेना पिछले 15 दिनों से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान में लगी हुई थी।
20 अप्रैल को इफ्तार के लिए फल और सब्जियां ले जा रहे सेना के एक ट्रक पर आतंकियों द्वारा किए गए हमले में पांच जवान बलिदान हो गए थे और एक अन्य घायल हो गया था। घटना के मद्देनजर तलाशी अभियान के दौरान 250 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।
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