सहारनपुर । पश्चिम यूपी में संपन्न हुए स्थानीय निकाय चुनाव में फर्जी आधार कार्ड से मतदान करने आने वाले इक्कीस लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जानकारी के अनुसार इनके आधार कार्ड फर्जी तरीके से बनाए गए थे और इनको बनाने वाला देवबंद का एक जनसेवा केंद्र का संचालक है।
पिछले कई दिनों से सहारनपुर देव बंद में एक खुफिया तौर पर चर्चा थी कि इस बार फर्जी वोटिंग होगी, पुलिस इस बारे में सतर्क थी और उसने पहले घंटे में ही इक्कीस लोगो को हिरासत में ले लिया था जिनमे दस महिलाए भी शामिल थी। इन सभी के पहचान चिन्ह, उम्र, तस्वीर आदि जो आधार कार्ड में थी वो वोटर लिस्ट से मेल नहीं खा रही थी। कहीं पिता का नाम गड़बड़ था तो कहीं उम्र मेल नहीं खा रही थी। एसएसपी विपिन ताडा ने इस बारे में जब सख्ती से पूछताछ की तो इसका लिंक देवबंद से जुड़ा मिला।
देवबंद में पकड़ा गया आधार कार्ड बनाने वाला गिरोह
इसके बाद सहारनपुर पुलिस ने देवबंद में छापा मार कर आधारकार्ड से छेड़छाड़ करने वाले गिरोह को पकड़ा है। एसपी देहात सागर जैन के नेतृत्व में हुई इस छापे मारी में शाहजमान, सुबहान को गिरफ्तार किया इनके पास से दो प्रिंटर, सोलह पासपोर्ट साइज के फोटो,150से अधिक फर्जी आधार कार्ड, नकदी आदि बरामद किए, इस गिरोह का मुखिया आसिफ और भूरा मौके से फरार हो गए।पुलिस अधिकारीयों ने उनकी तलाश में एक टीम गठित की है। जानकारी के मुताबिक फर्जी आधार कार्ड बनवाने का काम आसिफ ने ही लिया था, उसे ये काम किस नेता या प्रत्याशी ने दिया ? इस बिंदु पर पुलिस जांच कर रही है।
यूपी की सहारनपुर पुलिस के मुताबिक ये गिरोह काफी अरसे से यहां काम कर रहा था और ये उन प्रत्याशियों के संपर्क में था जिन्हें ये पता था कि मतदान के दिन कौन कौन क्षेत्र से बाहर है और मतदान करने नहीं आयेंगे।
पुलिस इस बारे में सपा के कुछ प्रत्याशियों से भी पूछताछ करने वाली है।उल्लेखनीय है कि जब फर्जी वोटरों को हिरासत में लिया गया तो उनकी पैरवी करने सपा के प्रत्याशी नूर हसन भी कोतवाली पहुंचे थे।पुलिस ने इससे पहले ही पकड़े गए लोगो से पूछताछ भी कर ली थी और उनके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी थी।
उत्तराखंड के भी बनते है आधार कार्ड
ऐसा भी जानकारी में आया है कि देवबंद में पकड़े गए आधार कार्ड के जन सेवा केंद्र से न सिर्फ यूपी के बल्कि उत्तराखंड के भी लोगो के आधार कार्ड बनाए जाते है। यहां बरामद आधार कार्ड पर दर्ज जानकारी से ऐसी सूचनाएं मिली है।इस मामले में पुलिस अभी और गहनता से जांच कर रही है।
उत्तराखंड में पिछले एक साल में दो जनसेवा केंद्र पुलिस की एसटीएफ ने पकड़े थे जोकि दस दस हजार रु तक लेकर यहां फर्जी आधार कार्ड बना कर उन्हे उत्तराखंड का नागरिक बना दिया करते थे।
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