नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने से मना कर दिया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से राजोआना की दया याचिका पर जल्द फैसला लेने को कहा है।
कोर्ट ने 2 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। राजोआना की रिहाई की अर्जी पर केंद्र सरकार ने कहा था कि उसको छोड़े जाने से कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। राजोआना की दया याचिका राष्ट्रपति के पास काफी समय से लंबित है।
राजोआना की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मौत की सजा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है। हम दया याचिका पर उनके फैसले का इंतजार नहीं कर सकते। कोर्ट को मामले में अब फैसला सुनाना चाहिए। रोहतगी ने कहा था कि 2012 से राजोआना की दया याचिका लंबित है। वह पिछले 27 सालों से जेल में है। उसकी उम्र 56 साल हो गई है।
28 सितंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो राजोआना की सजा कम करने की अर्जी पर जल्द फैसला ले। कोर्ट ने कहा था कि आप कुछ भी फैसला लें लेकिन आपको फैसला लेना ही होगा।
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