मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी देने वाला युवक कानपुर जनपद में गिरफ्तार किया गया है. आमीन नाम के इस युवक का किसी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा है. मगर लड़की के पिता आमीन को पसंद नही करते हैं और वह इस रिश्ते का भी विरोध कर रहे हैं. आमीन ने लड़की के पिता का मोबाइल फोन चोरी कर लिया और गत 23 अप्रैल को रात में करीब 8 बअजे डायल 112 के मुख्यालय के व्हाट्सऐप डेस्क पर सन्देश भेजा. संदेश में मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी गई थी. पुलिस ने गहनता से छानबीन की तो मोबाइल फोन के मालिक ने बताया कि उसका मोबाइल दो दिन पहले चोरी हो गया था. आमीन को गिरफ्तार करके आगे की पूछताछ की जा रही है. पुलिस का कहना है कि आमीन ने लड़की के पिता का मोबाइल चोरी करके उसके मोबाइल से धमकी भरा मैसेज भेजा था ताकि लड़की का पिता मुकदमे में फंस कर जेल चला जाय.
इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी देने वाले ट्रक ड्राइवर अमरपाल को पुलिस ने एटा से गिरफ्तार किया था. अमर पाल के फोन नम्बर 9696755113 से यूपी 112 सेवा के व्हाट्सअप नम्बर पर कई धमकी भरे मैसेज भेजे गए थे. इस के बाद इंस्पेक्टर ने थाना हजरतगंज में एफआईआर दर्ज कराई थी. धमकी भरे सन्देश में मुख्यमंत्री के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था एवं मुख्तार अंसारी को 24 घंटे के भीतर जेल से बाहर निकालने के लिए कहा गया था. सन्देश में लिखा गया था कि मुख्तार को जेल से नहीं छुड़ाया गया तो अगले शुक्रवार तक सरकार मिटा दी जाएगी. आरोपी अमरपाल को बाद में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फेसबुक पर जान से मारने की धमकी दी गई थी. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद के निवासी धनंजय सूर्यवंशी और विशाल पाण्डेय ने ट्विटर के माध्यम से पुलिस में शिकायत की थी. ट्विटर के माध्यम से मिली शिकायत के आधार पर गाजीपुर के दिलदार नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर के जब इस मामले की छानबीन की तो यह पता लगा कि धमकी देने वाला कोई सिरफिरा नहीं बल्कि बिहार पुलिस का सिपाही है. सिपाही तनवीर खान बिहार के नालंदा जनपद के दीपनगर थाना क्षेत्र में स्थित एक फारेस्ट हाउस की सुरक्षा में तैनात था. गाजीपुर जनपद की पुलिस ने नालंदा में सिपाही तनवीर खान को गिरफ्तार किया था.
वर्ष २०२२ के अप्रैल माह में गोरखनाथ मंदिर पर हमले का प्रयास किया गया था. हमला करने वाले मुर्तजा को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. उल्लेखनीय है कि मुर्तजा उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जनपद से होते हुए नेपाल गया था. नेपाल से वापस आने के बाद उसने धारदार हथियार खरीदा था. उसी हथियार को लेकर वो मंदिर में हमला करने पहुंचा था. एटीएस ने कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया था. उन सभी से पूछताछ की गई थी. फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से मुर्तजा के लैपटॉप और मोबाइल के डाटा रिकवरी करके उसका अध्ययन किया गया था. मुर्तजा ने हमला करने से पहले लैपटॉप का सभी डाटा डिलीट कर दिया था. विवेचना में यह तथ्य निकल कर आया था कि मुर्तजा, जाकिर नाईक के वीडियो देखता था. मुर्तजा, जाकिर नाईक से बहुत ज्यादा प्रभावित था.
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