अतीक के कार्यालय में मिले खून के सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा गया है। गत सोमवार को फर्श पर खून बिखरा हुआ था। एक सब्जी काटने वाला चाकू मौके पर मिला था। खिड़की के शीशे टूटे हुए मिले थे। किसी महिला का कपड़ा भी मिला था। उसमे भी खून लगा हुआ था। कुछ लोगों का कहना है कि गत 22 अप्रैल को ईद थी। शायद किसी ने मुर्गा काट कर बिरयानी बनाई हो। मगर मौके पर मुर्गे के पंख आदि कुछ भी नहीं है। सब्जी आदि को काटने के लिए प्रयोग किया जाने वाला चाकू है। उससे किसी जानवर को काटना संभव नहीं है। अगर किसी महिला ने आत्महत्या का प्रयास किया है तो वो महिला कौन थी। इन सब को लेकर कई प्रकार के कयास लगाये जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि खून के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है। यह खून इंसान का है या किसी जानवर का है। यह लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही पता लगेगा।
उल्लेखनीय है कि अतीक अहमद का कार्यालय कुछ वर्ष पहले ध्वस्त कर दिया गया था। गत सोमवार को अचानक पुलिस ने वहां फिर से तलाशी अभियान चलाया तो फर्श पर खून के धब्बे और एक चाकू मिला है। एक महिला का कपड़ा मिला, जिसमें खून लगा हुआ था। 21 मार्च को पुलिस ने अतीक के इस कार्यालय में जब तलाशी ली थी उस समय कुछ पिस्टल, 80 लाख रुपये नगद और अतीक अहमद के कुछ बैनर पोस्टर बरामद हुए थे। अतीक अहमद का कार्यालय ऊपर से ध्वस्त कर दिए जाने के बाद अंदर से कुछ कमरे रहने योग्य बचे रह गए थे। उन कमरों का इस्तेमाल किया जा रहा था। मगर पुलिस को दूर-दूर तक इसका अंदेशा नहीं था।
बता दें कि प्रयागराज जनपद के खुल्दाबाद थाना अंतर्गत चकिया मोहल्ले में अतीक अहमद का कार्यालय था। वर्ष 1989 के पहले यह अतीक अहमद का घर हुआ करता था। विधायक बन जाने के बाद अतीक अहमद ने अपना घर कसारी-मसारी में बनवा लिया था और चकिया में जहां पुराना घर था वहां पर कार्यालय बनवा दिया था। 2 जून गेस्ट हाउस कांड के बाद जब भी बसपा सत्ता में आई, अतीक अहमद के इस कार्यालय पर बुलडोजर चलाया गया। जैसे ही सपा की सरकार आती थी। अतीक अहमद के इस कार्यालय का फिर से निर्माण करा लिया जाता था। वर्ष 2008 में भी बसपा के शासनकाल में अतीक के कार्यालय पर बुलडोजर चलाया गया था। इस कार्यालय के ढहाये जाने के बाद किसी को जरा भी शक नहीं था कि वहां से गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
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