देश-दुनिया के इतिहास में 15 अप्रैल की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख का महत्व सारी दुनिया में खान-पान के आउटलेट को लेकर भी है। दरअसल आज से 68 साल पहले इसी तारीख को मैकडोनाल्ड का पहला आउटलेट खुला था। आज इसका दुनिया के 100 से भी ज्यादा देशों में विस्तार हो चुकी है। इसकी शुरुआत 1940 में होती है, जब कैलिफोर्निया में दो भाइयों रिक और मेक मैकडोनाल्ड ने एक छोटा सा रेस्टोरेंट खोला था। इसकी खासियत यह थी कि यहां के मेन्यू में खाने के दो-चार आइटम ही थे। इस वजह से खाने का टेस्ट और क्वालिटी हमेशा एक सी बनी रहती थी। ऑर्डर में समय भी कम लगता था। लोगों को यह बात पसंद आ गई और उनका बिजनेस धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा। ऑर्डर ज्यादा आने लगे तो उनकी समय पर डिलीवरी के लिए दोनों भाइयों ने कुछ मशीनें भी खरीद लीं। इनमें मिल्क शेक बनाने वाले मिक्सर भी शामिल थे।
इसी दौरान यहां एंट्री होती है रे क्रास की। रे क्रास अपने जीवन के 25 साल अलग-अलग कामों को करने में बिता चुके थे। मसलन पियानो बजाना, ड्राइविंग करना और बतौर सेल्समैन मिक्सर बेचना। रे क्रास ने देखा कि कैलिफोर्निया के एक ही रेस्टोरेंट ने उनसे छह मिक्सर खरीदे हैं। रे ने सोचा कि क्यों न चलकर देखा जाए कि इतने मिक्सर का यह लोग क्या कर रहे हैं। रे उस रेस्टोरेंट को देखने कैलिफोर्निया पहुंच गए। यहां उन्होंने देखा कि रेस्टोरेंट तो छोटा है, पर खाने वालों की लाइन लगी है।
रे ने लाइन में लगे एक व्यक्ति से पूछा कि कैलिफोर्निया में और भी रेस्टोरेंट हैं, फिर भी यहां इतनी भीड़ क्यों है? सामने वाले का जवाब था कि यहां आपको 15 सेंट्स में अच्छा बर्गर मिलेगा। वो भी कम समय में। रे को यह बात जम गई। उन्होंने रिक और मेक से रेस्टोरेंट की फ्रेंचाइजी लेने की बातचीत की। सौदा हुआ और रे को फ्रेंचाइजी मिल गई।
रे ने 15 अप्रैल 1955 को मैकडोनाल्ड की पहली ब्रांच खोली। उसके बाद क्या हुआ, कहानी दुनिया जानती है। आज 100 से ज्यादा देशों में कंपनी के 36 हजार से भी ज्यादा आउटलेट हैं। हर दिन लगभग पांच करोड़ लोग यहां से खाना ऑर्डर करते हैं। इससे रेस्टोरेंट को पांच अरब रुपए से भी ज्यादा की कमाई होती है। 2020 में कंपनी का रेवेन्यू 19.21 बिलियन डॉलर था, भारतीय रुपयों में करीब 144 हजार करोड़।
1996 में मैकडोनाल्ड ने भारतीय बाजार में कदम रखा। यहां चुनौतियां ज्यादा थीं। इससे पहले मैकडोनाल्ड ने कभी भी ऐसे देश में कारोबार शुरू नहीं किया था, जहां शाकाहार को प्राथमिकता दी जाती हो। भारत से बाहर के मैकडोनाल्ड में बीफ और पोर्क भी मेन्यू में शामिल था, लेकिन यहां ये आस्था से जुड़ा मामला था, इसलिए फैसला लिया गया कि बीफ और पोर्क मेन्यू में नहीं होंगे।
कंपनी ने भारत में दो पार्टनर चुने विक्रम बख्शी और अमित जटिया। बख्शी को उत्तर-पूर्वी भारत में रेस्टोरेंट संभालने की जिम्मेदारी दी गई और जटिया को दक्षिण-पश्चिम भारत की। लेकिन यह इतना आसान भी नहीं था। इन दोनों पार्टनर के साथ 25 साल का एग्रीमेंट हुआ, लेकिन कंपनी का उससे पहले ही विक्रम बख्शी से विवाद हो गया। मामला कोर्ट तक पहुंचा और अंतत: 2019 में समझौता हुआ। विवाद की वजह से कंपनी को घाटा उठाना पड़ा। कई रेस्टोरेंट बंद हुए। 1996 से 2019 तक कंपनी को करीब 421 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। फिलहाल भारत में कंपनी के 500 से भी ज्यादा रेस्टोरेंट हैं।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1689 : फ्रांस ने स्पेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1923 : डाइबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए इन्सुलिन बाजार में उपलब्ध हुआ।
1948 : हिमाचल प्रदेश की स्थापना।
1976 : भारत ने 15 साल में पहली बार बीजिंग में अपना दूत भेजने की घोषणा की।
1980 : भारत में 6 गैर-सरकारी बैंक राष्ट्रीयकृत किए गए।
1994 : भारत सहित 109 देशों ने ‘गैट’ समझौते की स्वीकृति प्रदान की।
2000 : आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग के आह्वान के साथ जी-77 शिखर सम्मेलन हवाना में सम्पन्न।
2003 : ब्रिटेन में आयरिश रिपब्लिकन आर्मी ने हथियार डाल देने का निर्णय लिया।
2004 : राजीव गांधी हत्याकांड से जुड़े लिट्टे उग्रवादी वी. मुरलीधरन की कोलंबो में हत्या।
2008 : भारतीय मूल के कनाडाई मंत्री दीपक ओबेरॉय को अफगानिस्तान पर गठित कनाडाई संसद की विशेष समिति का सदस्य चुना गया।
2010 : भारत में निर्मित पहले क्रायोजेनिक रॉकेट जीएसएलवी-डी3 का प्रक्षेपण विफल।
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