नई दिल्ली। पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में महाराष्ट्र सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि शिंदे सरकार इस केस की जांच सीबीआई को देने को तैयार है। निर्देश की प्रतीक्षा की जा रही है। इस जवाब के बाद मामले की सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी गई है। वर्ष 2020 की इस घटना की जांच सीबीआई को देने का उद्धव ठाकरे सरकार ने विरोध किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च को इस मामले की सीबीआई जांच की इजाजत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा। महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि मामले में दो चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट सीबीआई जांच का आदेश देगा तो इसमें कानूनी पेचीदगियां नहीं होंगी। महाराष्ट्र सरकार ने 11 अक्टूबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि वो इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने को तैयार है। 2020 में हुई इस घटना की जांच सीबीआई को देने का उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन राज्य सरकार ने विरोध किया था। अब नई शिंदे सरकार ने कहा है कि उसे आपत्ति नहीं।
याचिका शशांक शेखर झा ने दायर की है। 11 जून 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, केंद्र सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी किया था। मृत साधुओं के रिश्तेदारों और जूना अखाड़ा के साधुओं ने याचिका दाखिल की है। याचिकाओं में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस मामले में शक के दायरे में पुलिस ही है। याचिका में घटना में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच राज्य सीआईडी से वापस लेने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चल रही जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की हत्या कर दी गई थी।
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