आजमगढ़। भाग दौड़ भरे जीवन में जहां रिश्ते एक ओर बिखरते जा रहे हैं। वही अमेरिका के डेविड कैनन और लीना अपने पूर्वजों के गांव मारा कर्मनाथ पट्टी खोजते हुए पहुंचे। ग्रामीणों ने फूल माला पहनाकर दोनों का स्वागत किया। जिले के सगड़ी तहसील क्षेत्र के रौनापार थाना के पुलिसकर्मियों ने भी उनकी इस खोज में मदद किया। डेविड कैनन के परदादा रामखेलावन मौर्य को अंग्रेज 1907 में गन्ने की खेती कराने के लिए गिरमिटिया मजदूर के रूप में साथ ले गए थे। डेविड ने कुछ पुराने दस्तावेज के जरिए अपनी खोज शुरू की थी। जिसमें जिला प्रशासन और पुलिस टीम ने उनकी मदद कर गांव तक पहुंचाया।
डेविड और लीना का स्वागत ग्रामीणों और परिजनों ने दही चूड़ा खिलाकर किया। उपनिरीक्षक मधुसूदन चौरसिया खुद अपने साथ लेकर गांव पहुंचे। डेविड ने बताया कि वो भारत घूमने आए। जयपुर में उनके सहयोगी आयुष ने उनके मनोबल को बढ़ाया और गांव खोजने का बीड़ा उठाया
हीरा पट्टी गांव के संजय सिंह के भाई विनोद सिंह सूत्रधार बने। संजय सिंह ने बताया कि उनके भाई विनोद सिंह अमेरिका में रहते हैं। डेविड की मां मार्लिन से उनकी मुलाकात हुई थी। इसी दौरान गांव का जिक्र हुआ था। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के सगड़ी गांव की बात सामने आई थी। तभी से कर्मनाथ पट्टी गांव से विदेश गए लोगों के बारे में पता किया गया। आज डेविड ने गांव पहुंचकर सपने को साकार कर दिया। गन्ने की खेती के लिए पूर्वांचल से अंग्रेज गिरमिटिया मजदूर के रूप में तमाम लोगों को साथ लेकर चले गए थे।
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