इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फेसबुक पर भगवान शिव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले अभियुक्त की याचिका खारिज कर दी है। याचिका में अभियुक्त आसिफ की तरफ से मांग की गई थी कि उसके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया जाए। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराध दो समुदायों एवं वर्गों के बीच नफरत को बढ़ावा देते हैं। इसे सख्ती से समाप्त किया जाना चाहिए। ऐसे अपराधों को समाज में पनपने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
यह मामला जनपद अलीगढ़ का है। फेसबुक पर भगवान शिव के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद अभियुक्त आसिफ के खिलाफ धारा 153 ए, 295 ए और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 के तहत थाना छर्रा में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप है कि इस आपत्तिजनक पोस्ट के बाद हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। अभियुक्त आसिफ की तरफ से कोर्ट में तर्क दिया गया कि फेसबुक पर टिप्पणी किसी और के द्वारा की गई थी।
आसिफ ने उस टिप्पणी को शेयर किया था। कोर्ट इस तर्क से सहमत नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार का अपराध समाज में नफरत की प्रवृत्ति को बढ़ावा देता है। फेसबुक पर इस तरीके का पोस्ट करना निश्चित रूप से एक आपराधिक कृत्य है।
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