कोलकाता। तिलजला कांड की जांच करने गई राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की कार्यवाही की बंगाल पुलिसकर्मी चोरी-छिपे रिकॉर्डिंग कर रहे थे। तिलजला थाने में आयोग के अध्यक्ष से पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारी ने मारपीट भी की। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस संबंध में ट्विटर पर जानकारी साझा की है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि कोलकाता के तिलजिला इलाके में जिस बच्ची की हत्या हुई है। शुक्रवार को उसके परिजनों से मिलने जा रहे थे, जहां पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने यह भी कहा कि धमकियों से डरूंगा नहीं।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्विटर पर लिखा कि पश्चिम बंगाल के तिलजिला थाने में बंगाल पुलिस के अफ़सर बिस्वाक मुखर्जी ने उनके साथ छीना छपटी व मार पीट की है। पुलिस के लोग NCPCR की जांच कार्यवाही की चोरी छिपे रिकॉर्डिंग कर रहे थे। विरोध करने पर उन्होंने मारपीट की है।
दरअसल, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो जांच करने के लिए मृतक बच्ची के घर पहुंचे थे। इसकी जानकारी मिलते ही राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुदेशना रॉय भी वहां अधिकारियों के साथ पहुंच गईं। प्रियंक कानूनगो ने आरोप लगाया है कि इस मामले की जांच में राज्य बाल संरक्षण आयोग अड़ंगा लगा रहा है।
प्रियंक कानूनगो का कहना है कि जांच प्रक्रिया को भटकाया जा रहा है। राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुदेशना जांच में कोई सहयोग नहीं कर रही हैं। मृतक के परिवार को उनसे बात करने नहीं दिया जा रहा है। जरूर कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है और जांच को भटकाने की कोशिश भी की जा रही है। मुझे समझ नहीं आता कि मुझे उनसे बात करने क्यों नहीं दिया जा रहा है। यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं है। एक बच्ची की मौत हो गई है। राज्य को और संवेदनशील होना होगा। उन्होंने आगे कहा कि मुझे एक बार पत्र में कहा गया कि आपको आने की जरूरत नहीं है। अब जब मैं आया हूं, तो मुझे लगता है कि पुलिस ने शुरुआती दौर में अपना काम ठीक से नहीं किया और इसी वजह से बच्ची की मौत हो गई। ऐसा लग रहा है कि उन पुलिस अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि घटना की खबर मिलने पर सोमवार रात केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक ने ट्वीट कर घटना को लेकर चिंता व्यक्त की थी। आयोग ने इस संबंध में मंगलवार को राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा था। उस नोटिस में तिलजला कांड की विस्तृत जांच सौंपे जाने का आदेश दिया गया था। उसके बाद प्रियंक कानूनगो खुद जांच करने पहुंचे थे। केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग इस घटना पर नजर बनाए हुए है।
अभी तक की जांच में सामने आया है कि बीते रविवार को 7 साल की बच्ची के लापता होने की शिकायत थाने में की गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद बच्ची का शव मिला। पड़ोस में रहने वाले आलोक कुमार ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बच्ची का तौलिया से गला घोंटा गया था। आरोपी ने संतान प्राप्ति की आस में तांत्रिक की बात सुनकर वारदात को अंजाम दिया था। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना से आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था।
‘गुंडागर्दी और धमकियों से डरकर रुकूंगा नहीं’
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने आज ट्वीट करते हुए लिखा, मैं आज मालदा पहुंच गया हूं, स्कूल के भीतर बलात्कार का शिकार बनी मासूम बच्ची से मिलूंगा, उसे न्याय मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए मामले की जांच भी करूंगा। उन्होंने यह भी लिखा कि कल ममता बनर्जी सरकार की पुलिस ने मुझ पर हमला भी किया, परंतु में गुंडागर्दी, धमकियों से डरकर रुकूंगा नहीं।
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