नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध किया है। ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि अगर जैन को जमानत दी जाती है तो मामले के गवाहों की जान को खतरा हो सकता है। जमानत याचिका पर कल यानी 21 मार्च को भी सुनवाई होगी।
ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं। वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। जैन को जमानत के लिए तय ट्रिपल टेस्ट को भी पास करना होगा। ईडी ने जेल में सत्येंद्र जैन के व्यवहार के बारे में कोर्ट को बताते हुए कहा कि जेल में वह मसाज करा रहे थे। अपनी बैठकें कर रहे थे और तो और बाहर का खाना भी मिलता था। ईडी ने कहा कि वैभव जैन और अंकुश जैन दोनों ने सत्येंद्र जैन की सहायता की और वह भी इस अपराध में जिम्मेदार हैं।
इसके पहले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि इस मामले में अन्य आरोपितों के बयान से यह पता चलता है कि सत्येंद्र जैन ही फंड ट्रांसफर करने के बारे में सब कुछ जानते थे। ईडी ने कहा था कि जैन द्वारा फर्जी कंपनियों में साल 2015-16 में डेढ़ करोड़ रुपये जमा किया गया था। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में हवाला ऑपरेटर्स के जरिये पैसे भेजे गए थे, जिसमें कोलकाता की फर्जी कंपनियां शामिल हैं। यह पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग का बनता है। ईडी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन इस मामले में एक अन्य आरोपित वैभव जैन मंत्री सत्येंद्र जैन का दाहिना हाथ है और जैन पूरी तरह से इसमें शामिल थे।
13 फरवरी को ईडी ने कहा था कि संबंधित कंपनियों का नियंत्रण जैन के हाथ में ही था। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 के बीच के चेक पीरियड के पहले सत्येंद्र जैन का इन कंपनियों में पचास फीसदी हिस्सेदारी थी। बाद में जैन ने बेनामीदारों के पक्ष में अपना नाम हटा लिया और अब कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ किया ही नहीं है।
सह-आरोपितों अंकुश जैन और वैभव जैन की ओर से पेश वकील सुशील गुप्ता ने 6 फरवरी को कहा था कि सत्येंद्र जैन का कंपनियों से कोई लेना-देना नहीं है। दोनों सह-आरोपितों ने ही कलकत्ता स्थित कंपनी को पैसे भेजे थे। 1 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था। सत्येंद्र जैन ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत न दिए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 17 नवंबर 2022 को सत्येंद्र जैन समेत तीनों आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के अलावा इस मामले के आरोपितों वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज करने का आदेश दिया था।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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