सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया)। खालिस्तान आंदोलन को हवा देने वाले कट्टरपंथी और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने इंग्लैंड के बाद अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर तोड़फोड़ की है। सैन फ्रांसिस्को की गिनती संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और वित्तीय केंद्र के रूप में होती है। अमृतपाल सिंह भारत में पंजाब पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दिन-रात एक किए हुए है।
सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ करने से पहले अलगाववादी समर्थकों ने प्रदर्शन कर खालिस्तान के झंडे लहराए। भारतीय अधिकारियों ने इन झंडों को हटाया, तो उन पर हमला कर दिया। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इन लोगों ने दूतावास में घुसकर दरवाजे तोड़ते हुए नारेबाजी की। दूतावास की दीवार पर फ्री अमृतपाल भी लिख दिया।
इससे पहले लंदन में अमृतपाल सिंह के समर्थकों का एक समूह भारतीय उच्चायोग में हंगामा कर भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का अपमान कर चुका है। लंदन की घटना पर भारत कड़ी आपत्ति जता चुका है।
दिल्ली में सिख समुदाय का प्रदर्शन, खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई की मांग
दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर सोमवार को सिख समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीय ध्वज को उतारने और खालिस्तानी झंडा लहराने के खिलाफ देश में सिख समुदाय के बीच रोष है। दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे इन सिख समुदाय के लोगों के हाथों में तिरंगा था और वे ‘वी लव इंडिया’ का नारा लगा रहे थे। इन्होंने मांग की कि ब्रिटिश सरकार अपने यहां आईएसआई के समर्थन से जारी भारत विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाए।
उल्लेखनीय है कि भारत ने रविवार को ब्रिटिश उप उच्चायुक्त को तलब कर ब्रिटेन स्थित उच्चायोग में सुरक्षा नहीं होने पर स्पष्टीकरण मांगा था। खालिस्तानी तत्वों ने लंदन में भारत के उच्चायोग से भारतीय झंडे को उतारने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने उनको झंडा उतारने से रोका।
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