हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का त्रुटिरहित मूल्यांकन के लिए प्रदेश भर में 258 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए करीब 1.44 लाख परीक्षकों को नियुक्त किया गया है। यही नहीं, परीक्षा केंद्रों और परीक्षकों की सुरक्षा के लिए भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं। वहीं सीसीटीवी के माध्यम से इसकी निगरानी की भी व्यवस्था की गई है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में रिकॉर्ड समय में बिना किसी बाधा के बोर्ड परीक्षाओं को संपन्न कराने में सफलता प्राप्त की है। 30 वर्षों में पहली बार कोई भी परीक्षा प्रश्न पत्रों के लीक होने, वायरल होने या अन्य किसी वजह से रद्द नहीं की गई। यही नहीं, सामूहिक नकल की भी कोई घटना नहीं हुई।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रदेश में कुल 258 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य एक अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान हाईस्कूल की लगभग 1.86 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके लिए 89,698 परीक्षकों को नियुक्त किया गया है। वहीं इंटरमीडिएट की 1.33 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 54,235 परीक्षक लगाए गए हैं। इस प्रकार कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कुल 1,43,933 परीक्षक नियुक्त किए गए हैं।
सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि शुचितापूर्ण मूल्यांकन के लिए प्रत्येक केंद्र पर एक-एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट को लगाया गया है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में स्थित सभी मूल्यांकन केंद्रों के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले के डायट प्राचार्य को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यही नहीं, मूल्यांकन केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों के चारों ओर 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाई गई है। मूल्यांकन कार्य अनिवार्य रूप से वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी की निगरानी में होगा। मूल्यांकन की समुचित निगरानी के लिए लिए भी इंतजाम किये गए हैं।
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