यूपी की तरह उत्तराखंड में भी मदरसों की शिक्षा को हाईटेक करने की योजना है। धामी सरकार ने ढाई करोड़ रुपए का प्रावधान अपने बजट में कर दिया है। हालांकि प्रशासनिक तौर पर इन मदरसों की जांच रिपोर्ट शासन को नहीं मिली है।
उत्तराखंड में 400 से ज्यादा मदरसे हैं। यूपी की तरह इनकी भी जांच के निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए हैं, लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी जिलों से इनकी जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है, जबकि यूपी में 15 दिन में सरकार को रिपोर्ट मिल गई थी।
उल्लेखनीय है कि हरीश रावत की कांग्रेस सरकार के समय मदरसों में विद्यार्थियों की संख्या में फर्जीवाड़ा सामने आया था। करीब दो लाख छात्र मदरसों में फर्जी वजीफे लेते पाए गए थे। इस फर्जीवाड़े का खुलासा आधार कार्ड अनिवार्य करने से हुआ था। अभी भी मदरसों के दस्तावेजों में हेर फेर है, जिसकी जांच के लिए धामी सरकार ने निर्देशित किया हुआ है।
शिक्षामंत्री डॉ धन सिंह रावत पहले ही कह चुके हैं कि मदरसों में बेसिक शिक्षा के विषयों के साथ-साथ कंप्यूटर और आधुनिक शिक्षा भी पढ़ाई जाएगी। संभवत: इसी को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने मदरसों के लिए ढाई करोड़ का बजट रख दिया है।
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