इस साल मार्च में ही राजधानी पानी के संकट से जूझ रही है। वजीराबाद तालाब में जलस्तर गिरने से वजीराबाद और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कम क्षमता से काम कर रहे हैं। अब एलजी वी. के. सक्सेना ने यमुना का दौरा कर इसके बुरे हालात के बारे में सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है।
जहां उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने वजीराबाद प्लांट में गंदगी और पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए हैं, तो वहीं आप की तरफ से पानी के मुद्दे पर उपराज्यपाल द्वारा सियासत किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है। आप के नवनियुक्त जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उराज्यपाल से इस पर सियासत ना करते हुए हरियाणा में यमुना में अवैध रेत खनन का संज्ञान लेने को कहा है।
उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार केजरीवाल सरकार, हरियाणा से पानी की आपूर्ति में कमी का बहाना बना रही है। जबकि वास्तविकता में पानी की कमी की समस्या इसलिए उठ खड़ी हो गई कि यमुना में सफाई नहीं हो रही है। इसे लेकर उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को चिट्ठी लिख कर कहा है कि जलाशय की क्षमता 250 मिलियन गैलन पानी रखने की है, जो सफाई नहीं होने की वजह से 93 फीसदी घट कर 16 मिलियन गैलन रह गई है।
एलजी ने सीएम से पत्र में पूछे ये 5 सवाल
- दिल्ली के लोगों को किस स्तर का पानी सप्लाई किया जा रहा है?
- सप्लाई किए जा रहे पानी की गुणवत्ता क्या है और क्या वह पीने लायक है?
- गंदा पानी सप्लाई कर लोगों के स्वास्थ्य और जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं हो रहा?
- क्या देश की राजधानी की यह स्थिति न्यायसंगत है?
- डीजेबी के तालाब से गाद न निकालने की वजह से क्या राजधानी 912500 मीलियन गैलन पानी का नुकसान सहन कर सकती है?
भाजपा ने लगाया केजरीवाल पर लापरवाही का आरोप
पानी की उपलब्धता सुनिश्चित न कराने को लेकर भाजपा के दिल्ली प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता के कारण दिल्ली में पानी की बर्बादी हो रही है। जगह-जगह पर गंदे पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन इसके लिए किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की जा रही है। बीस से तीस साल पुरानी पाइपों को न बदले जाने के कारण कई स्थानों पर लीकेज की समस्या बढ़ गई है और लोगों को गंदा जल भेजा जा रहा है। इससे भी लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर होने का खतरा पैदा हो गया है।
उन्होंने कहा कि गत एक दशक से दिल्ली वाले पानी की अनियमित सप्लाई और सप्लाई में कटौती का सामना कर रहे हैं। गंदे पानी की सप्लाई के कारण लोग परेशान हैं। इसके बाद भी दिल्ली जल बोर्ड या खुद दिल्ली सरकार किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने की बजाय उनका बचाव कर रही है। यही कारण है कि समस्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने दिल्ली सरकार से समर एक्शन प्लान पेश करने की मांग की जिससे लोगों को जल उपलब्धता की सही स्थिति का पता लगाया जा सके।
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