सीहोर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान के डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा महाभारत की गलत व्याख्या कर द्रौपदी को मानसिक रोगी बताने के मामले को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। दिल्ली से प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम गुरुवार को सीहोर पहुंची, जहां डिप्टी रजिस्ट्रार से पूछताछ की। जब मीडिया ने टीम से मामले में जानकारी लेने की कोशिश की, तो टीम ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वहीं, डिप्टी रजिस्ट्रार ने भी कुछ नहीं बताया उनका कहना है कि कमेटी ने उनसे जो भी बातचीत की है, वह व्यक्तिगत है। इसको लेकर टीम से ही जानकारी ली जा सकती है, वहीं इस संबंध में अधिकृत रूप से कुछ बता पाएंगे। बता दें, इस मामले में एनआईएमएचआर के विद्यार्थियों ने पीएमओे और केंद्रीय पुनर्वास मंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की थी। जिसके बाद मामले की जांच को लेकर दिल्ली से टीम शहर में पहुंची और अशफाक से बयान लिए गए।
शिकायती पत्र में क्या लिखा ?
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान के छात्रों ने दिसंबर 2022 में पीएमओ और केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी लिखकर संस्थान के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अशफाक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। छात्रों ने अशफाक पर आरोप लगाया था कि डिप्टी रजिस्ट्रार महाभारत पर गलत टिप्पणी करते हैं। उन्होंने पीएमओ और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक को जो शिकायती पत्र लिखा था, उसमें उन्होंने बताया था, कि डिप्टी रजिस्ट्रार अशफाक संस्थान को मदरसे की तरह चला रहे हैं। उन्होंने कार्यालय में ही दिन की नमाज पढ़ना शुरू कर दिया है।
शिकायती पत्र में PFI या मुस्लिम जमात से संबंध होने की आशंका
इसी के साथ छात्रों ने शिकायती पत्र में इस बात का भी जिक्र किया कि जब अशफाक नमाज पढ़ते है, उस दौरान किसी का भी उनके कमरे में प्रवेश करना मना होता है। पत्र में अशफाक का संबंध पीएफआई जैसे किसी संगठन या मुस्लिम जमात से होने की भी आशंका जताई गई थी।
हिंदू धर्म से जुड़े ऐतिहासिक चरित्रों की गलत व्याख्या करने का आरोप
इतना ही नहीं छात्रों ने अपने शिकायती पत्र में डिप्टी रजिस्ट्रार अशफाक पर मनमाने ढंग से संस्थान को चलाने का आरोप लगाते हुए, लिखा कि वह हिंदू धर्म से जुड़े ऐतिहासिक चरित्रों की गलत व्याख्या करने के साथ-साथ अपने हिसाब से कक्षा लेते हैं, इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि वह उनके करियर को भी बर्बाद करने की धमकी देते हैं। जिसके कारण वे खुद को मानसिकरूप से दबाव में महसूस करते हैं।
बहरहाल, सीहोर डिप्टी रजिस्ट्रार अशफाक ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुझे अभी पता चला कि, मेरे खिलाफ कोई शिकायत दर्ज हुई है।
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