पाकिस्तान के मशहूर एआरवाई चैनल ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का भाषण क्या प्रसारित किया, सरकार ने चैनल का लाइसेंस ही रद्द कर दिया। पिछले दिनों पाकिस्तान की सरकार ने 5 मार्च की रात एक आदेश जारी करके इमरान खान के भाषणों को मीडिया पर प्रसारित करने पर रोक लगा दी थी। एआरवाई चैनल ने सरकार के इस आदेश का उल्लंघन करने की सजा पाई है।
इमरान खान के भाषणों के प्रसारण पर सरकार द्वारा रोक लगाने के कुछ ही घंटों के अंदर उक्त चैनल ने इमरान का भाषण प्रसारित करके सीधे सीधे सरकारी आदेश को चुनौती दी थी और चैनल ने इसका खामियाजा अपना लाइसेंस गंवा कर किया। पाकिस्तान के मीडिया नियामक संस्था ने इस कड़े कदम को उठाने में जरा देर नहीं की। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि कोई भी चैनल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का सीधा या रिकार्डिड भाषण प्रसारित नहीं करेगा।
मीडिया नियामक संस्था के आदेश में लिखा था—’देखने में आया है कि तहरीके-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष अपने भाषणों/बयानों के माध्यम से लगातार बेबुनियाद आरोप लगाते आ रहे हैं। वे सरकारी संगठनों तथा अधिकारियों के विरुद्ध भड़काऊ बयानों वाली नफरती तकरीरें दे रहे हैं। इससे कानून व्यवस्था को लेकर दिक्कत आ सकती है और शांति में बाधा पड़ सकती है।’
उल्लेखनीय है कि इस घटना से पहले इस्लामाबाद की पुलिस इमरान खान को गिरफ्तार करने लाहौर के उनके घर जा पहुंची थी, लेकिन इमरान पुलिस को चकमा देकर निकल गए। बौखलाहट में सरकार ने उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उनके भाषणों के प्रसारण पर रोक लगा दी। लेकिन एआरवाई चैनल आदेश का उल्लंघन कर बैठा।
पाकिस्तान में आम मान्यता है कि एआरवाई चैनल इमरान खान और उनकी पार्टी को लेकर नरम रवैया रखता है। शाहबाज सरकार पहले भी इस चैनल के विरुद्ध कार्रवाई कर चुकी है। सरकार की मीडिया नियामक संस्था के आदेश में लिखा था—’देखने में आया है कि तहरीके-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष अपने भाषणों/बयानों के माध्यम से लगातार बेबुनियाद आरोप लगाते आ रहे हैं। वे सरकारी संगठनों तथा अधिकारियों के विरुद्ध भड़काऊ बयानों वाली नफरती तकरीरें दे रहे हैं। इससे कानून व्यवस्था को लेकर दिक्कत आ सकती है और शांति में बाधा पड़ सकती है।’
आदेश में आगे कहा गया, ‘सक्षम प्राधिकार यानी पाकिस्तान की मीडिया नियामक संस्था के अध्यक्ष सभी सेटेलाइट चैनलों पर अभी से इमरान खान के भाषण/प्रेस वार्ताएं (रिकार्डिड अथवा लाइव) के प्रसारण/पुन:प्रसारण पर प्रतिबंध लगाते हैं।’ संस्था ने तमाम टीवी चैनलों को सावधान भी किया है कि इस फरमान को न मानने वाले चैनल का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।’
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