जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने वालों पर चौतरफा कार्रवाई जारी है। लगातार दो दिनों से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शीर्ष आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की है। ताजा घटनाक्रम बारामूला का है जहां आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बासित रेशी की संपत्ति कुर्क की गई है। बता दें कि गृह मंत्रालय ने बासित को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया है।
पाकिस्तान में रहकर घाटी में फैला रहा आतंकवाद
जिहादी बासित पाकिस्तान में रहकर घाटी में आतंक फैलाने का काम करता है। हिजबुल के लिए काम करने वाला आतंकी बासित जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं और लक्षित हत्याओं में शामिल रहा है।
आतंकी मुश्ताक लटरम की भी संपत्ति कुर्क
एनआईए ने आतंकी संगठन अल-उमर-मुजाहिदीन के सरगना मुश्ताक जरगर लटरम की भी श्रीनगर में संपत्ति कुर्क की है। इस दौरान एजेंसी ने गनेई मोहल्ला में दो मरले में बने घर को अपने कब्जे में लिया है। एनआईए के अनुसार जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के साथ एक टीम ने प्रक्रिया को अंजाम दिया। टीम ने भगोड़े आतंकी की बहनों की मौजूदगी में घर पर नोटिस चस्पा की। उल्लेखनीय है कि लटरम को 1999 में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान यात्रियों को कंधार में रिहा करने के बदले जैश—ए—मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर एवं हरकत उल मुजाहिदीन के उमर सईद के साथ छोड़ा गया था।
कई घटनाओं में था वांछित
गृह मंत्रालय ने पिछले वर्ष लटरम को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया था। इस दौरान मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था कि वह न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में शांति के लिए खतरा है। बता दें कि लटरम 1989 में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण समेत कई आतंकी घटनाओं में वांछित था। जब से वह छूटा है तब से वह पाकिस्तान में रहकर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। लटरम पहले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा था और कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार था। वह हत्याओं सहित अन्य जघन्य अपराधों में भी शामिल रहा है। अल-कायदा और जैश जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ उसके करीबी संबंध हैं। 1990 में उसने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से अलग होकर आतंकी संगठन अल-उमर-मुजाहिदीन का गठन किया। यह संगठन श्रीनगर के डाउनटाउन में कई बर्बर हत्याओं के लिए जिम्मेदार है।
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