जब मंजिल पाने का सपना मजबूत हो तो रास्ता मिल ही जाता है। बाधाएं चाहे जितनी भी आएं, लेकिन हौसले मंजिल तक पहुंचा ही देते हैं। रेनू की भी मंजिल आसान नहीं थी, लेकिन इरादे मजबूत थे। उन्होंने नया रास्ता बनाया। वह हजारों बच्चों और महिलाओं को सशक्त कर चुकी हैं।
रेनू दिल्ली में रहती हैं और करीब 11 साल से नया रास्ता संस्था का संचालन कर रही हैं। गरीब बच्चों के लिए काम करती हैं। पुनर्वास बस्ती में रहने वाले बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देती हैं। महिलाओं को सशक्त करती हैं। उन्हें कानून की भी शिक्षा देती हैं।
अपने सफर के बारे में वह बताती हैं कि मैंने पिताजी से कहा था कि हमारे पास संसाधन नहीं हैं हम कैसे काम करेंगे, इस पर पिताजी ने कहा था कि सब लोग दौड़कर नहीं जीतते, कुछ लोग धीरे-धीरे चलकर भी जीतते हैं। जो धीरे-धीरे चलते हैं वे कई समस्याओं को देखते जाते हैं। इसलिये यह जीत तेज दौड़ने वालों की जीत से बड़ी होती है। आगे बढ़ो तो अवसर मिलेंगे। हमने किशोर और किशोरी मंडल का निर्माण किया। उन्हें समझाया कि अपने संस्कारों के साथ रहें और अपने माता-पिता के त्याग को समझें। लड़कियों के स्वावलंबन हेतु इंश्योरेंस एडवाइजर की ट्रेनिंग करवाई।
एक बार की बात है एक लड़की मेरी संस्था में आई, उसने कहा कि महिलाओं के लिए बस एक ही काम होता है या तो सिलाई सीख लो, कढ़ाई सीख लो या फिर ब्यूटीशियन बन जाओ। क्या हमारी सीमा यहीं तक है। क्या हमें यही काम करना है। मैंने उससे कहा कि आप बात सही कह रही हैं। मैंने उसकी बात पर विचार किया और उसके लिए नया रास्ता सुझाया। उसे इंश्योरेंस एडवाइजर की ट्रेनिंग कराई। पचास लड़कियों की ट्रेनिंग करा चुकी हूं, जिनमें से तीस सफलतापूर्वक काम भी कर रही हैं और अपने घर के अंदर बीस से 25 हजार रुपये महीने कमाती हैं। हमने नशा मुक्ति के लिए काम किया। कम्युनिटी के अंदर काम किया। हम हजारों बच्चों को जागरूक कर चुके हैं। गुड टच बैड टच और पॉक्सो के बारे में बताया। हमारा लक्ष्य है कि स्वस्थ और शिक्षित समाज के निर्माण में हम योगदान दें।
कोरोना काल में भी की मदद
रेनू सिंह समाज सेवा में स्नातकोत्तर हैं। इग्नू से MSW किया है। पिछले 11 साल से दिल्ली में जमीनी स्तर पर सामाजिक हित के कार्य कर रही हैं। भीख मांगने वाले, कचरा बीनने वाले, वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करती हैं। महिलाओं के लिए सिलाई, ब्यूटीशियन, मेहंदी, कढ़ाई के साथ महिलाओं को इंश्योरेंस एजवाइजर का कोर्स कराती हैं। महिलाओं के लिए लीगल एवरनेस के कार्यक्रम भी चलाती हैं। नवयुवकों और नवयुवतियों को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए स्कूल और सामुदायिक भवनों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अवेयरनेस कार्यक्रम चलाती हैं। बुजुर्गो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया। कोरोना काल में भी महिलाओं को मुफ्त सैनेटरी नैपकिन दिए। कोरोना पीड़ितों को खाना और दवाइयां पहुंचाई।
टिप्पणियाँ