2017 में हुए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट केस में लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने 7 दोषियों को फांसी और 1 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मंगलवार रात करीब 8 बजे जब कोर्ट ने फैसला सुनाया। उस दौरान सभी आरोपी वहां मौजूद थे। इस केस में कुल 9 आरोपी थे, जिनमें से सैफुल्ला का एनकाउंटर हो चुका है। बाकी के आरोपियों में मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, सैयद मीर हुसैन, आसिफ इकबाल रॉकी को फांसी की सजा और मोहम्मद आतिफ ईरानी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
दरअसल, आरोपियों ने 7 मार्च 2017 को वारदात को अंजाम दिया था। रोजाना की तरह उस दिन भी भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन सुबह 6:25 बजे उज्जैन से भोपाल के लिए रवाना हुई थी। करीब 9:38 बजे ट्रेन शाजापुर जिले के कालापीपल के पास जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास पहुंची थी, तभी आरोपियों ने उसमें ब्लास्ट कर दिया था। धमाके से करीब 9 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। घटना से घबराए कई लोग ट्रेन से कूद गए, जिससे वे भी घायल हो गए थे। ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोका था।
इस मामले को जांच के लिए केंद्र सरकार ने 14 मार्च 2017 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया था। बाद में खुलासा हुआ कि आतंकी संगठन ISIS से जुड़े आतंकियों ने धमाके की वारदात को अंजाम दिया था। उसके बाद जांच एजेंसियों ने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं, एक आरोपी सैफुल्ला जो कि लखनऊ के काकोरी में हुई मुठभेड़ में मारा गया था। बाकी 8 पकड़े गए आरोपियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद हुआ था।
आरोपियों के खिलाफ देश के विरुद्ध जंग छेड़ने, टेरर फंडिंग, विस्फोटक और हथियार जुटाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जांच में पता चला था कि आईएसआईएस ने युवकों का ब्रेनवॉश करके आतंकी संगठन में शामिल किया था। उन्हें जाकिर नाइक के वीडियो दिखाकर जिहाद के लिए उकसाया जाता था।
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