27 फरवरी 2022 को, अयोध्या से साबरमती एक्सप्रेस के रामभक्तों के कोच संख्या एस 6 पर कट्टरपंथी दंगाइयों की भीड़ ने हमला कर, गोधरा रेलवे स्टेशन के पास आग के हवाले कर दिया। इसमें 59 राम भक्त जिंदा जल गए, जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल थे।
गुजरात ही नहीं, देश भर के लोगों के जेहन में गोधरा कांड आज भी जिंदा है। दिल दहला देने वाली इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे जनक भाई पंचाल, जिनके भाई शैलेश को आग में जिंदा जला दिया गया। जनक भाई भी इसी कोच में थे, उनकी महत्वपूर्ण गवाही से इस घटना के दोषी 31 कट्टरपंथी दगाइयों को कोर्ट ने 2011 में सजा दी। पंचाल गोधरा की इस घटना के बाद कई महीने तक सहज नहीं हो पाए, आज भी जब वो इस घटना को याद करते हैं तो सहम जाते हैं।
पाञ्चजन्य के संवाददाता दिनेश मानसेरा ने गुजरात के कर्णावती (अमदाबाद) में गोधरा कांड पर बातचीत की।
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