नांदी (फिजी)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिजी में आयोजित 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्व हिंदी सम्मेलन भविष्य में हिंदी का महाकुंभ बनेगा। साथ ही हिंदी को विश्व भाषा बनाने के पुण्य संकल्प में जुटे हिंदी प्रेमियों को महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हिंदी को विश्व भाषा बनाएं।
एस जयशंकर ने कहा कि हिंदी को विश्व भाषा बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि सभी हिंदी प्रेमी मिल-जुलकर काम करें। उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के 1000 से अधिक विद्वानों और साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। समापन समारोह में फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद भी मौजूद रहे। समापन समारोह में देश–विदेश में हिंदी के प्रचार, प्रसार व विकास के लिए काम कर रहे 25 विद्वानों और संस्थाओं को सम्मानित भी किया गया।
पाञ्चजन्य की भी चर्चा
विश्व हिंदी सम्मेलन में पाञ्चजन्य ने भी हिस्सा लिया। विश्व हिंदी सम्मेलन पर केंद्रित पाञ्चजन्य के विशेषांक की फिजी में प्रबुद्धजनों के बीच खूब चर्चा रही। विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर और विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने चाय पर चर्चा के दौरान विशिष्ट अतिथियों के बीच नए अंक का विमोचन किया।
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