नई दिल्ली। त्रिपुरा विधानसभा की 60 सीटों के लिए गुरुवार को 3,337 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान सम्पन्न हुआ। 81 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। यह अंतिम आंकड़ा नहीं है, क्योंकि मतदान के अंतिम समय 4 बजे तक भी कई मतदान केंद्रों पर बड़ी लाइनें देखी गईं। वोट प्रतिशत का अंतिम आंकड़ा शुक्रवार तक आने की संभावना है।
चुनाव आयोग के अनुसार छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान लगभग शांतिपूर्ण रहा और किसी भी बड़ी हिंसा, हमले, मतदाताओं को धमकाने की घटना को रिपोर्ट नहीं किया गया। छिटपुट घटनाओं को स्थानीय स्तर पर ही तैनात टीम ने संभाल लिया। किसी भी स्थान पर दोबारा मतदान कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी। यहां यह बताना खास होगा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान 168 स्थानों पर दोबारा मतदान कराया गया था।
चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग ने व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए थे। तीन विशेष पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया था और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती की गई थी। आयोग का कहना है कि चुनावी खर्च पर लगातार नजर के चलते इस बार जब्त की गई सामग्री की कीमत 44.70 करोड़ रही जो कि 2018 के मुकाबले 25 गुना अधिक है। जब्त सामग्री में नकद, शराब, मादक पदार्थ, कीमती धातुएं और मुफ्त सामान शामिल हैं।
आयोग ने बताया कि पहली बार ब्रू जनजाति प्रवासी मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का कई वर्षों बाद उपयोग किया। इस समुदाय से जुड़े मतदाताओं को शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए गए थे। 14,055 व्यस्कों ने 12 स्थानों में मतदाता सूची में खुद को शामिल कराया था। चार जिलों में इन मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
पहली बार दिव्यांग और अस्सी वर्ष से अधिक मतदाताओं के लिए घर से ही वोटिंग की सुविधा प्रदान की गई। 80 वर्ष से अधिक उम्र के 6,226 मतदाताओं, 1277 दिव्यांगजनों और 488 आवश्यक सेवा कर्मियों ने फॉर्म 12डी भरा था। इनमें से कुल 7,788 ने घर से वोट डाला। ट्रांसजेंडर मतदाताओं ने भी इसबार मतदान में उत्साह से भाग लिया।
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