स्वामी दयानंद की प्राथमिकताओं पर 'आजादी के अमृतकाल' में हो रहे प्रयास : प्रधानमंत्री मोदी
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

स्वामी दयानंद की प्राथमिकताओं पर ‘आजादी के अमृतकाल’ में हो रहे प्रयास : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया

by WEB DESK
Feb 12, 2023, 02:26 pm IST
in भारत, दिल्ली
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने आज से डेढ़ सौ वर्ष पूर्व विश्व को श्रेष्ठ बनाने, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और पर्यावरण व प्रकृति की संभाल कर रखने का आह्वान किया था। आजादी के अमृत-काल में देश उन सुधारों का साक्षी बन रहा है, जो स्वामी दयानंद की प्राथमिकताओं में थीं। आज विवादों में फंसे विश्व में स्वामी दयानंद का बताया मार्ग करोड़ों लोगों में आशा का संचार कर रहा है। जो बीज स्वामी जी ने रोपा था, वह आज विशाल वट-वृक्ष के रूप में पूरी मानवता को छाया दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में भी जिन विषयों को उठाना कठिन होता है, उस पर स्वामी दयानंद ने आज से 150-200 साल पूर्व कार्य किया है। उन्होंने भेदभाव और कुरीतियों को दूर करने तथा महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास किए। स्वामी दयानंद ने उस समय प्रयास किया जब यूरोप में महिला अधिकारों का विषय दूर की बात होती थी। आज हम देश को बिना भेदभाव की नीतियों और प्रयासों के साथ आगे बढ़ते देख रहे हैं। गरीब, पिछड़ों और वंचितों की सेवा पहला यज्ञ है। ‘वंचितों को वरीयता’ इस मंत्र को लेकर हर गरीब के लिए मकान, उसका सम्मान और हर व्यक्ति के लिए चिकित्सा उपलब्ध करवाई जा रही है।

प्रधानमंत्री ने स्वामी दयानंद की भेदभाव दूर करने और लोगों को भारत की प्राचीन संस्कृति व परंपरा से जोड़ने के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गुलामी के दौर में अध्यात्म और आस्था आडंबर का रूप धारण कर लेती हैं। उनका प्रयास उस दौर में था, जब विदेशियों की ओर से भारतीय परंपरा के खिलाफ ‘नरेटिव’ गढ़े जा रहे थे। स्वामी दयानंद परंपरा को दूषित करने के प्रयास के उस दौर में ‘संजीवनी’ बूटी बनकर आए थे। उन्होंने कहा कि आज देश पूरे गर्व के साथ ‘अपनी विरासत पर गर्व’ का आह्वान कर रहा है। आज देश पूरे आत्मविश्वास के साथ कह रहा है कि हम देश में आधुनिकता लाने के साथ ही अपनी परंपराओं को भी समृद्ध करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूजा-पाठ और रीति रिवाज से अलग भारत में धर्म का निहितार्थ बिल्कुल अलग रहा है। वेदों ने जिस जीवन पद्धति को परिभाषित किया है, उसमें कर्तव्य ही सबसे पहला मानव धर्म है। कर्तव्यों का भान करते हुए हमारे ऋषियों और मुनियों ने राष्ट्र और समाज के कई आयामों की जिम्मेदारी उठाई और भारतीय संतों ने भाषा, योग और दर्शन जैसे विभिन्न विषयों पर अपना योगदान दिया। स्वामी दयानंद जी ने भी आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ गुरुकुलों के जरिए भारतीय परिवेश में ढली शिक्षा व्यवस्था की वकालत की थी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देश ने अब इसकी भी बुनियाद मजबूत की है।

उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व के लिए एक पथ प्रदर्शक की भूमिका निभा रहा है। हमने प्रकृति से समन्वय के विजन को अपनाते हुए एक ग्लोबल मिशन ‘लाइफ’ जिसका अर्थ है ‘लाइफस्टाइल फॉर इन्वार्मेंट’ की भी शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने आर्य समाज से आग्रह किया कि वह गांव-गांव तक प्राकृति खेती ले जाने का संकल्प लें। साथ ही उसे अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।

1875 में की थी आर्यसमाज की स्थापना

महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था। वे समाज सुधारक थे। उन्होंने 1875 में तत्कालीन सामाजिक असमानताओं से निपटने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीस्वामी दयानंद सरस्वतीमहर्षि दयानंद सरस्वती 200वीं जयंतीआजादी का अमृतकालपीएम मोदी महर्षि दयानंद
Share11TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

विश्व में भारत का गौरव

कमला प्रसाद बिसेसर को सरयू का पवित्र जल सौंपते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो साभार: द हिन्दू)

राम मंदिर प्रतिकृति, गंगा और सरयू का पवित्र जल: पीएम मोदी का त्रिनिदाद की पीएम को उपहार

’21 हजार लगाओ, प्रतिदिन 1.25 लाख कमाओ’, क्या पीएम मोदी कर रहे निवेश योजना का प्रचार, जानें क्या है पूरा सच

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के अपने अन्य साथियों के साथ

मिशन एक्सिओम-4 : अंतरिक्ष में छलांग ऊंची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

संविधान हत्या दिवस:  प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में शामिल सभी योद्धाओं को सलाम किया

अमेरिका पहुंचे पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के खिलाफ पाकिस्तानियों ने ही किया प्रदर्शन, बताया हत्यारा

समय देखकर दोस्त चुनता है अमेरिका

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies