नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) दिल्ली प्रांत के 58वें अधिवेशन का औपचारिक उद्घाटन शनिवार दोपहर इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव और अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण ने किया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपनी ध्येय यात्रा के 75वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस कारण यह 58वां प्रांत अधिवेशन बेहद महत्त्वपूर्ण हो जाता है। साथ ही देश भी आजादी का 75वर्ष का अमृत महोत्सव मना रहा है।
मुख्य अतिथि प्रो. नागेश्वर राव ने गुरु तेग बहादुर सभागार में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक आवाज पर हम सभी एकजुट होकर खड़े हो जाते हैं। यही संगठन की शक्ति है। हम सभी को संगठन शक्ति को पहचानना होगा। आप सभी अमृतकाल के भाग्य निर्माता हैं। अमृतकाल में मस्तिष्क की क्षमता का प्रयोग कर राष्ट्रविकास में योगदान दें। इनोवेशन हमारी मस्तिष्क की शक्ति से ही आएगा।
प्रो. राजशरण शाही ने कहा कि एक साधक के रूप में हमारी भूमिका रही है। उस रूप में अगर हम बढ़ते रहे तो भारत का वास्तविक स्वरूप साकार होगा। भारत आज विश्व की अर्थव्यवथा की एक तिहाई अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ साथ G20 की अध्यक्षता भी कर रहा है। यह भारत के लिए गौरव की बात है। हम राष्ट्र पुनर्निर्माण के साधक हैं। हमें सच्ची निष्ठा तथा तन्मयता से राष्ट्र पुनर्निर्माण में अपना योगदान देना होगा।
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