पंजाब में मात्र 9-10 माह पूर्व बनी आम आदमी पार्टी की सरकारी देगची में खदबद की आवाजें आनी शुरू हो चुकी हैं। इसका एहसास अमृतसर से विधायक व पूर्व आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह द्वारा भरोसा समिति से इस्तीफा देने से होने लगा है।
अमृतसर उत्तरी से ‘आप’ विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पंजाब विधानसभा की भरोसा कमेटी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को ई-मेल के माध्यम से भेजा है। हालांकि अभी इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि विधानसभा सत्र के दौरान कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बेअदबी की घटनाओं संबंधी लंबी चर्चा की मांग की। साथ ही चर्चा के लिए पूरा दिन निर्धारित करने की अपील भी की, लेकिन विधानसभा द्वारा इस मांग को नहीं माना गया।
भरोसा कमेटी ने पंजाब के मुख्य सचिव वीके जंजुआ और पुलिस प्रमुख गौरव यादव को मौखिक रूप से तलब किया, लेकिन उसी दिन विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां के सभी कमेटी के चेयरमैन की मीटिंग बुलाने से कुंवर विजय को अपनी मीटिंग रद्द करनी पड़ी थी। माना जा रहा है कि इसी नाराजगी में कुंवर विजय प्रताप ने अपना इस्तीफा भेजा है।
ज्ञात रहे कि पंजाब में हुई बेअदबी की घटनाओं को लेकर पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह काफी सक्रिय रहे और इसकी निष्पक्ष जांच के हिमायती रहे, चाहे इसके लिए उन्हें कई तरह की परेशानियां झेलीं। विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी ने बेअदबी मामलों की निष्पक्ष जांच करवाने का वादा किया तो आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह अपनी नौकरी से इस्तीफा दे कर आप में शामिल हो गए और विधायक चुन लिए गए। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि वर्तमान सरकार बेअदबी के मामलों में 10 महीनों के कार्यकाल में दो कदम भी नहीं चल पाई है और इससे कुंवर विजय प्रताप सिंह नाराज बताए जा रहे थे। माना जा रहा है कि उनका त्यागपत्र उसी नाराजगी का प्रतिक्रम है।
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