श्री रामचरित मानस पर सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर रोष जताते हुए विश्व हिंदू परिषद मेरठ प्रांत के प्रांत मंत्री डा. राजकमल गुप्ता ने कहा कि स्वामी प्रसाद आस्तीन के सांप हैं और उन्हें श्रीरामचरित मानस के बारे में क्या पता। श्री रामचरितमानस हिंदू धर्म के लिए सर्वोत्तम ग्रंथ हैं। श्री रामचरितमानस में तुलसीदास ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी के चरित्र पर पूर्णतया प्रकाश डाला गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
जानिए क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्य ने
स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक इंटरव्यू देते समय कहा कि, कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। इसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को इस पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। तुलसीदास की रामायण में कुछ ऐसे अंश हैं, जिन पर हमें आपत्ति है। किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का हक नहीं है। तुलसीदास की रामायण में चौपाई है। जिसमे वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
आगे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, लंपट, अनपढ़ या गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय कहा गया है, मगर शुद्र कितना भी पढ़ा-लिखा या फिर ज्ञानी हो उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है? अगर धर्म यही है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं। जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो।
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