बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान पर विश्व हिंदू परिषद ने नाराजगी जताई है। विश्व हिंदू परिषद की तरफ से वीडियो जारी करके कहा गया है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जिस तरह की भद्दी टिप्पणियां पूज्य गोस्वामी तुलसीदास जी और उनके रामचरितमानस के बारे में की है। वैसे ही संघ और संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर गुरु जी, जिन्होंने विश्व हिंदू परिषद की स्थापना की। उनके बारे में की है। जो निंदा योग्य है। इसलिए विश्व हिंदू परिषद मांग करती है कि चंद्रशेखर को तुरंत इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। अन्यथा विश्व हिंदू परिषद उनके विरूद्ध आंदोलन करेगा।
विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि पूज्य गोस्वामी तुलसीदास जी का योगदान हिंदू धर्म के जागरण में, हिंदुत्व की रक्षा में, सौर्य के जागरण में इतना प्रचंड रहा है कि उसकी परिणाम केवल यहीं नहीं, दुनिया के अनेक देशों में जो बंधुआ मजदूर जो हिंदू समाज के गए थे। उनके धर्म की रक्षा में भी दिखाई देता है। इसलिए केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए महापुरुषों का अपमान हिंदू समाज नहीं सहन करेगा।
राम चरित मानस व गोस्वामी तुलसीदास जी के अपमान पर बिहार के शिक्षा मंत्री माफी मांगें अन्यथा विहिप आंदोलन करेगी: @MParandeVHP pic.twitter.com/iZC8UOg4Iy
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) January 12, 2023
बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा था कि रामायण पर आधारित धार्मिक पुस्तक रामचरितमानस “समाज में नफरत फैलाती है।” वह पटना में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। जहां उन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें बताया था।
चंद्रशेखर ने कहा था कि मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ बहुत सारी अभद्र बातें थीं। रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया और किस हिस्से का विरोध किया गया? वंचित समाज के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि वंचित समाज के लोग शिक्षा लेने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। ये नफरत बोने वाले ग्रंथ है। मनुस्मृति और रामचरितमानस ऐसी पुस्तकें हैं जो समाज में नफरत फैलाती हैं क्योंकि यह समाज में पिछड़ों और महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने से रोकती हैं। मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स… ये किताबें ऐसी हैं जो नफरत फैलाती हैं। नफरत से देश महान नहीं बनेगा, प्यार से देश महान बनेगा।
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