यूपी के मेरठ जिले की पुलिस के विशेष दल ने आखिरकार नौ माह से फरार चल रहे हाजी याकूब कुरैशी को दिल्ली से पकड़ ही लिया। याकूब कुरैशी पर 50 हजार का इनाम घोषित था। हाजी याकूब कुरैशी पर अवैध रूप से मीट पैकेजिंग फैक्ट्री और अस्पताल चलाने के आरोप में मामले दर्ज हैं। पिछले साल 31 मार्च को पुलिस-प्रशासन ने उनकी फैक्ट्री को सीज किया था। इस कार्रवाई में याकूब और उनके बेटो सहित कुल 17 लोग नामजद किए गए थे।
पुलिस ने याकूब कुरैशी को आत्मसमर्पण करने के कई मौके भी दिए। अपनी अग्रिम जमानत के लिए याकूब ने हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी लगाई, लेकिन कहीं से भी उन्हें राहत नहीं मिल पाई। पुलिस ने उनकी फरारी पर 50 हजार का इनाम रखा हुआ था और उनकी करोड़ों रुपए की संपत्ति को भी कुर्क किया था।
पुलिस ने दिल्ली से एक पाश इलाके की कोठी से याकूब को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची तो उन्होंने कहा कि मैं याकूब नहीं अब्दुल हूं। इसी दौरान पुलिस के साथ आए उनके बेटे इमरान ने सामने आकर कहा कि अब्बू अब नाटक छोड़ो, चलिए अब छुप नहीं सकते।
पुलिस को याकूब को साथ ले जाने में फिर भी डेढ़ घंटा लगा क्योंकि घर की महिलाओं और नौकरों ने शोर मचाना शुरू कर दिया था। पुलिस इन सभी हालातों को पहले से ही भांपते हुए भारी संख्या में फोर्स के साथ पहुंची थी, जिनमें महिला पुलिस भी थी। बताया जाता है कि हाजी याकूब फरारी के दौरान दिल्ली एनसीआर में ही अपने ठिकाने बदल-बदलकर रहता था और इस वक्त जिस आलीशान कोठी से उन्हें गिरफ्तार किया गया वो उनके किसी मित्र की थी, जहां बेसमेंट में भी कमरे बनाए हुए थे।
मेरठ के एसएसपी रोहित सजवान ने बताया कि हमारी टीम लगातार हाजी याकूब के परिवार के सदस्यों के फोनों को सर्विलांस पर रखे हुए थी। हमने उनके बेटो से भी कहा था कि वो उन्हें पुलिस अथवा कोर्ट में पेश करें। आखिरकार वो पुलिस की गिरफ्त में आए अब उन्हें कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा।
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