कंगाली में गले—गले डूबे पाकिस्तान में अब मंत्रालयों का डाटा भी लीक हो रहा है। वहां कई मामले देखने में आए हैं जिसमें सरकार का डार्क वेब का खतरा साफ दिख रहा है। इसे देखने हुए सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। इतना ही नहीं, गल सभी मंत्रालयों तथा प्रांत की सरकारों को हिदायती चिट्ठी भेजी गई है कि साइबर सुरक्षा पर ध्यान दें, डाटा लीक होने से बचाने के कदम उठाएं।
संदेह के निशाने पर डार्क वेब है जो सर्च इंजन पर दिखाई नहीं देता है, उसकी पहुंच से दूर रहता है। इसलिए दुनिया भर के गैरकानूनी काम इसी डार्क वेब के माध्यम से किए जाते हैं। हैकर्स इसी की मदद से महत्वपूर्ण डाटा उड़ा लेते हैं। इसका उपयोग करने वालों की पहचान होनी बहुत मुश्किल होती है। इसलिए अब पाकिस्तान की शाहबाज सरकार ने एक एडवायजरी जारी करके मंत्रालयों को इससे बचने की सलाह दी है।
पाकिस्तान सरकार ने हिदायत दी है कि मंत्रालय और प्रांत की सरकारें निजी और आधिकारिक डाटा को साइबर अपराधियों के हाथों में पहुंचने तथा हैकिंग फोरम/डार्क वेब पर आगे लीक होने से बचाने के कदम उठाएं।
सरकार द्वारा जारी की गई इस एडवायजरी को ‘डार्क वेब पर संवेदनशील डाटा का लीक होना’ शीर्षक से जारी किया है। इसमें कहा गया है कि डार्क वेब गुमनाम रहते हुए साइबर क्राइम के संसार का ‘गेटवे’ बन चुका है। यह इंटरनेट पर मौजूद कुल डाटा का 96 प्रतिशत भाग है। एडवायजरी कहती है कि अपराधियों, आतंकवादियों, दुश्मनी रखने वाली गुप्तचर एजेंसियों और सत्ता से इतर काम करने वाले तत्व और दूषित सोच के द्वारा डार्क/डीप वेब का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि डार्क वेब का इस्तेमाल हैकिंग, ब्लैकमेलिंग, वेबसाइट मानहानि, डाटा डंप और लोगों की निजी जानकारी उड़ाने, महत्वपूर्ण नियुक्तियों, बैंकिंग विवरण लीक करने, आतंकवाद को पैसा पहुंचाने आदि में हो रहा है। नशीले पदार्थों की तस्करी में भी इसी की मदद ली जा रही है। पाकिस्तान सरकार ने हिदायत दी है कि मंत्रालय और प्रांत की सरकारें निजी और आधिकारिक डाटा को साइबर अपराधियों के हाथों में पहुंचने तथा हैकिंग फोरम/डार्क वेब पर आगे लीक होने से बचाने के कदम उठाएं।
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