योगी के यूपी में 2023 में नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स होने हैं। यह देश के युवा खिलाड़ियों का महाकुंभ जैसा आयोजन है। इसमें करीब 8 हजार खिलाड़ी और अन्य स्टाफ भाग लेंगे। यह पिछले आयोजन की तुलना में करीब दोगुना है। करीब दो दर्जन खेलों में खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। आयोजन को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारियां जारी हैं। प्रयास यह किया जा रहा है कि मेहमानों की मेजबानी हर लिहाज ( रहने, खाने, परिवहन, खेलों के मैदान) से ऐसी हो कि यहां आए खिलाड़ी नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की छवि साथ लेकर जाएं।
अप्रैल-मई तक लखनऊ में एक खेल गांव बस जाएगा। इस गांव में हर तरह एवं हर रेंज के चिकेन के कपड़े समेत लखनऊ की पहचान से जुड़े स्टॉल लगेंगे। लखनऊ के प्रमुख मेट्रो रेलवे स्टेशनों को भी नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स की थीम पर सजाया जाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय में भी कमोबेश ऐसा ही नजारा होगा। जिन जिलों में नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स होंगे, वहां के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जहां भी खेल होंगे, खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वहां विशेषज्ञ चिकित्सक एवं फिजियोथेरेपिस्ट भी रहेंगे।
आयोजन में कुल 22 खेल होंगे। अलग-अलग खेलों के लिए उन शहरों को चुना गया है, जहां उनकी परंपरा रही है और इनके लिए बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद हैं। शासन स्तर से इन सुविधाओं को और बेहतर किए जाने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं। मौके पर जाकर लगातार इनकी निगरानी भी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी गेम में 85 रिकॉर्ड्स बने थे। इसमें से 65 लड़कियों के खाते में आये थे, इसलिए इनमें भी महिला खिलाड़ियों के खेल पर खास फोकस होगा।
अपर मुख्य सचिव , नवनीत सहगल का कहना है कि ऐसे आयोजनों से युवा प्रतिभाओं की पहचान होती है। कोशिश है कि उन्हें तराशकर उनके प्रदर्शन को उच्चतम स्तर तक पहुंचाया जा सके। खिलाड़ी अलग-अलग भाषा एवं क्षेत्र के होते हैं। इस लिहाज से ऐसे आयोजन देश की सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करते हैं।
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