उत्तराखंड में नैनीताल जिले के लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में जनसंख्या असंतुलन और राजनीतिक दांव पेंच का एक सनसनीखेज भूमि खरीद फरोख्त का मामला सामने आया है। इस मामले में कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ- साथ कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत भी शामिल बताई जा रही है।
लालकुआं विधानसभा में गौलापार क्षेत्र में प्रस्तावित जू के पास सीलिंग में फंसी 25 बीघा जमीन पर मुस्लिम कॉलोनी बसा दी गई। इस कॉलोनी में उत्तराखंड के बाहर से मुस्लिमों को लाकर यहां बसाया गया है। जानकारी के मुताबिक ये भूमि राजस्व विभाग के कब्जे में होनी चाहिए थी, जिसे कांग्रेस पार्टी से जुड़े दबंग प्रॉपर्टी डीलरो ने अपने शासनकाल में प्रशासनिक अधिकारियों से मिली भगत करके अपने कब्जे में कर ली और इसकी बिक्री फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुस्लिम लोगों को कर दी। इस जमीन पर जब मुस्लिम समुदाय के कब्जेदार अपने मकान बनाने लगे तो आसपास के लोगों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद लोगों ने स्थानीय बीजेपी विधायक के संज्ञान में जब ये बात डाली तो उन्हें ये राजनीतिक खेल समझ आया। बताया जाता है पूर्व में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के वक्त कांग्रेस के बड़े नेताओं के संरक्षण में 55 बीघा का मामला खुर्दबुर्द किया गया था।
दरअसल, लालकुआं विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर रहती आई है। कांग्रेस ने यहां अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए ये खेल खेला और यहां 25 बीघा जमीन पर 109 मुस्लिम परिवारों को लाकर बसा दिया। अब जब मामला खुला तो मुख्यमंत्री कार्यालय से इस बारे में जांच पड़ताल करने के लिए कुमाऊं आयुक्त और जिला अधिकारी नैनीताल को निर्देशित किया गया।
जानकारी के मुताबिक इसी जमीन से जुड़ी एक और 25 बीघा जमीन को लेकर भी नैनीताल प्रशासन ने कार्रवाई करके भू माफिया से वापस कब्जा लेकर उसे सरकारी राजस्व भूमि में दर्ज करवाया और आरोपियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं। खबर है कि ये कुल जमीन 3.187 एकड़ यानी 55 बीघा है, जिसमें से 25 बीघा सरकार ने अपने कब्जे में ले ली है और बाकी पर बस रही मुस्लिम कॉलोनी को लेकर अब जांच शुरू हो गई है। इस मामले में शिकायतकर्ता रवि जोशी का कहना है कि उक्त कॉलोनी के भूमि संबंधी विवाद है बावजूद इसके वहां बसावट हो रही है और एक वर्ग विशेष को बसाया जा रहा है जिससे यहां डेमोग्राफिक चेंज का खतरा दिखाई देता है।
भूमि विवाद और कॉलोनी को लेकर की जा रही है जांच : डीएम
नैनीताल के डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि ये मामला हमारे संज्ञान में आया है, हमने हल्द्वानी एसडीएम, नगर मजिस्ट्रेट को जांच पड़ताल के लिए अधिकृत किया है। भूमि रजिस्ट्री करने वाले सब रजिस्ट्रार को भी भूमि की खरीद फरोख्त रोकने के लिए कहा है और पूर्व में की गई रजिस्ट्रियों के दस्तावेजों को भी तलब किया है। डीएम ने बताया कि उक्त जमीन को प्रॉपर्टी डीलर्स को बेचने वालों के साथ-साथ खरीद फरोख्त करने वाले सभी लोगों की गहनता से जांच की जा रही है।
प्राधिकरण सचिव ने लगाई निर्माण पर रोक
नैनीताल विकास प्राधिकरण की सचिव और नगर मजिस्ट्रेट हल्द्वानी ऋचा सिंह ने गोलापार क्षेत्र में बन रही अवैध कॉलोनियों के निर्माण, जमीनों की दाखिल खारिज आदि पर रोक लगा दी है। सचिव का कहना है कि उक्त कॉलोनियों के निर्माण के लिए प्राधिकरण अथवा किसी भी अन्य विनियमित क्षेत्र विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई है।
विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि ये मामला जब सामने आया तो हमने डीएम और शासन में इस बारे में जानकारी दी और पूछा है कि किस आधार पर सीलिंग की विवादास्पद जमीन पर रजिस्ट्रियां की गईं। हमने मुख्यमंत्री से भी मिलकर इस प्रकरण की जांच करवाने को कहा है।
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