उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल बना है। राज्य सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि दुनियाभर के निवेशक प्रदेश में उद्यम स्थापित करना चाह रहे हैं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान औद्योगिक दल ने उत्तर प्रदेश में विविध सेक्टरों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की, साथ ही यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (जीआईएस-2023) में सहभागिता के लिए सकारात्मक रुख दिखाया।
उत्तर प्रदेश आगमन पर प्रतिनिधिमंडल का अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत सुखद है कि आज जबकि उत्तर प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल जर्मनी में औद्योगिक जगत के प्रतिनिधियों, निवेशकों के साथ प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है, वहीं ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी हाई कमिश्नर सारा स्टोरे के नेतृत्व में एक औद्योगिक निवेशकों का समूह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक माहौल का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए राजधानी में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार 10 से 12 फरवरी तक लखनऊ में एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी के लक्ष्य के साथ हमारा प्रयास है कि राज्य में उपलब्ध असीम व्यावसायिक अवसरों से देश और दुनिया लाभान्वित हो सके। यह इन्वेस्टर समिट वैश्विक औद्योगिक जगत को आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए एक इंटिग्रेटेड मंच प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगा। ऑस्ट्रेलिया के उद्यमियों का सहयोग इस समिट को नई ऊंचाई तक ले जाने में उपयोगी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 25 करोड़ नागरिक निवास करते हैं, जो इसे भारत का सबसे बड़ा श्रम एवं उपभोक्ता बाजार बनाते हैं। उप्र सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए त्वरित गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है। इससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि होगी। उत्तर प्रदेश में सात क्रियाशील और छह निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे की उपलब्धता है। उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है। यहां देश का पहला अंतर्देशीय जलमार्ग (इनलैंड वॉटर-वे) विकसित किया जा रहा है। सबसे बड़ा रेल नेटवर्क उत्तर प्रदेश में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के बाद एमएसएमई क्षेत्र यहां रोजगार का सबसे बड़ा क्षेत्र है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हमने प्रदेश के परंपरागत उद्यम की मैपिंग की। उस अनुसार कार्यक्रम बनाये तो आज 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं। यह इकाइयां करोड़ों युवाओं के सेवायोजन का माध्यम बनी हैं। ओडीओपी योजना हमें अपने निर्यात को बढ़ाने में बड़ा सहायक सिद्ध हो रही है। सरकार राज्य में अनेक औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है। आईटी, आईटीईएस, डेटा सेंटर, ईएसडीएम, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एमएसएमई, आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियों को तैयार करके नीति संचालित शासन के माध्यम से औद्योगिक विकास के अनुकूल इको सिस्टम बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में अनेक औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है। भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्थापित हो रहे दो डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में से एक का विकास उतर प्रदेश में विकसित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 6- नोड्स, आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झासी एवं चित्रकूट चिह्नित हैं। इसके अलावा, यहां सर्विस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में भी निवेश की असीम संभावनाएं हैं।
ऑस्ट्रेलियाई दल की विविध जिज्ञासाओं का समुचित समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने निवेशकों के व्यावसायिक हितों का संरक्षण करती रही है। हमारी नीतियां वैश्विक जगत के लिए उत्साहवर्धक होंगी। बैठक में ऑस्ट्रेलियाई निवेशक समूह ने उत्तर प्रदेश की अनेक सेक्टोरल पॉलिसी पर चर्चा की, साथ ही जीआईएस 2023 में सहभागिता करने के लिए अपना उत्साह भी जताया। उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के नेतृत्व में एक टीम निवेशकों से संवाद कायम करने के लिए जर्मनी पहुंची है।
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